बेमौसम बारिश और ओलावृष्‍ट‍ि से फसलों की तबाही के बीच मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने किसानों को मदद का भरोसा दिलाया है। शनिवार को प्रदेश के उच्‍चाधिकारियों के साथ एक बैठक में सीएम ने असमय बारिश और ओलावृष्टि से उपजे हालात की समीक्षा की और जरूरी दिशा निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि फसलों के नुकसान का तत्‍काल आकलन कराकर अविलम्‍ब मुआवजा दिया जाए।

सीएम ने कहा कि किसानों को मौसम बारे में पूर्वानुमान करके पूरी जानकारी दी जानी चाहिए। अर्ली वार्निंग सिस्‍टम का ठीक ढंग से इस्‍तेमाल होना चाहिए। खराब मौसम के चलते गेहूं की गुणवत्‍ता पर पड़ने वाले दुष्‍प्रभाव के मद्देनज़र सीएम योगी ने फसल खरीद के नियमों को शिथिल करने का प्रस्‍ताव तैयार करने का भी निर्देश दिया। उन्‍होंने कहा जनहानि की स्थिति में पीड़ित परिवार को तत्‍काल सहायता मिलनी चाहिए।
सीएम ने कहा कि अन्नदाता किसानों का हित सुरक्षित रखना सरकार की प्राथमिकता है। पिछले मार्च महीने में प्रदेश के अनेक क्षेत्रों में हुई असमय वर्षा और ओलावृष्टि के कारण किसान और कृषि उपज पर दुष्प्रभाव पड़ा है। पिछले 24 घंटों के दौरान भी प्रदेश के नौ जिलो में ओलावृष्टि की सूचना है। उन्‍होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले दो-तीन दिन तक ऐसा ही मौसम रह सकता है। सीएम ने इसके लिए सभी आवश्यक सतर्कता प्रबंध करने का निर्देश दिया। उन्‍होंने कहा कि असमय बरसात, ओलावृष्टि के कारण जिस भी किसान की फसल प्रभावित हो, उसका आकलन कर नियमानुसार क्षतिपूर्ति राशि उपलब्ध कराने में राहत आयुक्त कार्यालय के स्‍तर पर कोई देर न हो। सीएम ने निर्देश दिए कि मौसम पूर्वानुमान के बारे में किसानों को समय से जानकारी उपलब्ध कराई जाए। मौसम विज्ञानियों की चेतावनियों के बारे में सुदूर गांव तक किसान को टीवी, अखबार और स्थानीय प्रशासन के जरिए से जानकारी उपलब्ध कराई जानी चाहिए। यह पूर्वानुमान 24 से 48 घंटे का होना चाहिए। ऐसी स्थिति में जबकि लोग अलर्ट होंगे तो क्षति भी कम होगी।

उन्‍होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण यदि किसी भी प्रदेशवासी की दुःखद मृत्यु होती है, मानव-वन्य जीव संघर्ष से कोई घायल होता है तो बिना विलंब किए, तत्काल पीड़ित परिवार से संपर्क किया जाना चाहिए। ऐसे पीड़ि‍त परिवार को राहत आयुक्त स्तर से आपदा राहत कोष से तुरंत आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि रसात, तेज हवा, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक कारणों से गेहूं आदि की फसल खराब हो सकती है। जो फसल पैदा हो रही है, उसकी गुणवत्ता पर भी बुरा असर पड़ने की आशंका है। ऐसी फसल को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत खरीदा जाना चाहिए। इसके लिए आवश्यकतानुसार नियम शिथिल किए जाने के लिए आवश्यक प्रस्ताव तैयार किया जाए। सीएम ने कहा कि गेहूं की फसल के संभावित नुकसान के कारण इस साल भूसे की कमी हो सकती है। ऐसे में पशुपालन विभाग द्वारा समय से गोवंश चारे की व्यवस्था कर ली जाए।

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