उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां डेढ़ साल से बेटी की हत्या के मामले में पिता और पुत्र जेल काट रहे थे। वह बेटी अब बेगुनाही की सबूत बनकर कोर्ट में पेश हुई है। लड़की के वापस लौटने से पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। वहीं पुलिस की लचर कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
पूरा मामला महराजगंज के घुघली थाना क्षेत्र के पोखारभिंडा गांव का है। जहां गांव की एक 13 वर्षीय किशोरी 21 जून 2023 को गायब हो गई थी। परिजनों ने उसके अपहरण का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। इसके ठीक 20 दिन बाद 22 जुलाई को एक किशोरी का शव निचलौल क्षेत्र के मधुबनी माइनर से मिला। शव मिलने पर पुलिस ने परिजनों से पहचान कराई। जिसके बाद पुलिस ने जबरन लापता किशोरी के पिता और भाई को उसकी हत्या के आरोप में जेल भेज दिया।
बता दें कि इस मामले में किशोरी के पिता ने कोर्ट में अपील दायर कर हत्या के केस को निरस्त करने की मांग की है। वहीं पिछले डेढ़ साल से पुलिस की बर्बरता का शिकार हुए लड़की के भाई अम्बरीष दुसाद ने बताया कि उनकी बहन घर से गायब हो गई थी। जिसकी शिकायत उसने थाने में की। जिसके बाद एसएचओ नीरज राय हमें पूछताछ के लिए रोज थाने बुलाते थे। एक दिन उन्होंने हमें अचानक थाने में बंद कर लिया और पीटने लगे। एसएचओ ने लगातार चार दिन तक हमें बेरहमी से पीटा फिर एक लाश दिखा कर कहा कि कबूलो की ये तुम्हारी बहन है। जब हमने ऐसा करने से मना कर दिया, तो वो हमें पीटते रहे।
इसके अलावा लड़की के पिता संजय दुसाद का कहना है कि एसएचओ ने एक कागज पर उनसे जबरन साइन कराने के बाद जेल भेज दिया। कई महीनों तक जेल में बंद रहने के बाद जब वह रिहा हुए तो लड़की का क्लू मिला। जिसके बाद वह लड़की को वापस ले आए। संजय दुसाद ने आगे बताया कि एसएचओ हमें, हमारे बेटे और पत्नी को खूब मारते थे। हम चाहते हैं कि एसएचओ नीरज राय के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
गौरतलब हो कि इस मामले का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीणा ने प्रकरण में लीपा-पोती करने वाले विवेचक उप निरीक्षक भगवान बक्स को निलंबित कर दिया है। वहीं तत्कालीन थानेदार नीरज राय के खिलाफ कार्यवाही के लिए गोरखपुर एसपी को पत्र भेजा गया है। वर्तमान समय में नीरज राय गोरखपुर के खोराबार थाने में तैनात हैं। सोमेंद्र मीणा की इस कार्यवाही से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।