बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद सहयोगी दलों द्वारा ‘प्रेशर पॉलिटिक्स’ की शुरुआत हो गई है।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी जहां दो मंत्री पद की मांग कर रहे हैं, वहीं लोजपा (रामविलास) ने भी 11 क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव प्रभारी की घोषणा कर, एक तरह से सीटों की दावेदारी पेश कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ के चार विधायक हैं। मांझी जिस भी गठबंधन में रहे हैं, उनकी पहचान दबाव की राजनीति करने की रही है। एक ओर मांझी मंत्रिमंडल में दो मंत्रियों की मांग कर रहे हैं, वहीं मंत्रिमंडल में जगह पा चुके हम के नेता संतोष कुमार सुमन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सोमवार को मिलने भी पहुंचे। इधर, लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए में अभी सीट बंटवारा भी नहीं हुआ है लेकिन लोजपा (रामविलास) ने राज्य की 11 लोकसभा सीटों में लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए प्रभारियों का ऐलान कर दिया है।
पार्टी ने हाजीपुर, जमुई, खगड़िया, समस्तीपुर, वैशाली, नवादा, गोपालगंज, सीतामढ़ी, वाल्मीकिनगर, जहानाबाद और बेगूसराय में प्रभारियों की नियुक्ति की है। माना जा रहा है कि लोजपा (रामविलास) ने इन सीटों पर दावेदारी ठोक दी है। इन सीटों पर हाजीपुर से चिराग के चाचा पशुपति पारस खुद सांसद हैं। पार्टी के नेता हालांकि इस मामले पर खुलकर बहुत कुछ नहीं बोल रहे हैं।
पार्टी के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि पार्टी इन सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रही है। अभी सीट बंटवारा नहीं हुआ है, जो भी सीटें मिलेंगी पार्टी वहां से चुनाव लडेगी। पिछले लोकसभा चुनाव में लोजपा के हिस्से छह सीटें आई थी। लेकिन इस साल होने वाले चुनाव में परिस्थितियां बदली नजर आयेंगी। लोजपा में भी दो गुट बन गए हैं, जबकि एनडीए में सहयोगी पार्टियों की संख्या भी पिछले चुनाव से बढ़ी है।