ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को दावा किया कि अयोध्या के राम मंदिर मुद्दे पर कांग्रेस नेता कमलनाथ की कथित टिप्पणियों से यह प्रदर्शित होता है कि बाबरी मस्जिद ध्वस्त करने में भाजपा-आरएसएस के समान उनकी पार्टी (कांग्रेस) की भी भूमिका थी। वह कमलनाथ की इन कथित टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिनमें मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि भाजपा अयोध्या में राम मंदिर का श्रेय नहीं ले सकती और राजीव गांधी की भूमिका को नहीं भूलना चाहिए।
ओवैसी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कमलनाथ ने एक बार फिर से मेरी इस बात को साबित कर दिया है कि बाबरी मस्जिद ध्वस्त करने में कांग्रेस की भी समान भूमिका थी।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सत्ता में थी, जब (रामलला की) मूर्तियों को बाबरी मस्जिद के अंदर रखा गया था। ओवैसी ने साथ ही कहा कि कांग्रेस केंद्र और उप्र, दोनों में सत्ता में थी जब पूजा की अनुमति दी गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सच है कि बाबरी मस्जिद का ताला राजीव गांधी के शासनकाल के दौरान धोखेबाजी कर खुलवाया गया।
ओवैसी ने कहा कि कमलनाथ ने साबित कर दिया है कि बाबरी मस्जिद छीनने में भाजपा-आरएसएस (भारतीय जनता पार्टी-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के साथ-साथ कांग्रेस की भी समान भूमिका थी। 1948-49 से लेकर छह दिसंबर 1992 तक, मस्जिद का ढांचा आदि ध्वस्त करने में कांग्रेस की समान भूमिका थी। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस नेताओं से पूछना चाहेंगे कि उन्होंने लोगों के समक्ष हमेशा अपना एक ‘‘नकली धर्मनिरपेक्ष चेहरा” क्यों पेश किया। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछना चाहेंगे कि उनके पिता राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री रहने के दौरान बाबरी मस्जिद का ताला खुलवाया था या नहीं?
एआईएमआईएम नेता ने दावा किया कि कमलनाथ जो कुछ कह रहे हैं वह कांग्रेस का असली चेहरा है। कमलनाथ की टिप्पणियों के मद्देनजर, ओवैसी ने चुटकी लेते हुए कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनवरी 2024 में जब अयोध्या जाएंगे, तब राहुल गांधी को भी साथ ले जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि, जो काम उनके (राहुल के) पिता ने शुरू किया था, मोदी जी उसे पूरा कर रहे हैं। इसलिए प्रधानमंत्री को अपने साथ राहुल गांधी को भी ले जाना चाहिए। यह राम-श्याम का प्यार होगा।”