उत्तर प्रदेश के बागपत में प्रशासन ने अनोखी पहल की शुरूआत की है, जिसके तहत अब कैदियों को मंत्री बनाया जाएगा। जेल के कैदियों के बीच सामंजस्य बनाए रखने के लिए जेल में मंत्रिमंडल गठित किया जाएगा। जेल में शुरू हुई यह अनूठी पहल पूरे देश के लिए मिसाल बन सकती है।
जेल में बनाए जा रहे इस मंत्रिमंडल में अलग-अलग क्षेत्रों में माहिर बंदी कैबिनेट के सदस्य होंगे। प्रभार संभालने वाले बंदी जेल के बाकी बंदियों की सेहत से लेकर उनको कानूनी सलाह और खेती किसानी तक की आधुनिक तकनीक सीखने मदद करेंगे। जैसे स्वास्थ्य मंत्री के लिए डॉक्टर बंदी, कृषि मंत्री के लिए आधुनिक किसान, कानून मंत्री के लिए एडवोकेट और खेल मंत्री के लिए पहलवान जैसे लोगों का चयन होगा।
स्वास्थ्य मंत्री का काम बंदियों की बीमारियों पर नजर रखना और उनको सेहत से संबंधित सलाह देना होगा। कृषि मंत्री जेल में हो रही खेती का जिम्मा संभालेगा और अन्य बंदियों को आधुनिक खेती के गुर भी सिखायेगा। कानून मंत्री बंदियों को कानूनी सलाह देने के साथ-साथ उन्हें उनके अधिकारों का भी पाठ पढाएगा। शिक्षा मंत्री का काम बंदियों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराना और उन्हें पढाई के लिए प्रेरित करना होगा। कौशल विकास मंत्री भी बनाया जाएगा जो जेल में चलने वाली कौशल विकास की गतिविधियों को संचालित कराने में अपना योगदान देगा।
बागपत जेलर जितेन्द्र कश्यप ने बताया, “चंद महीने पहले जेल में ‘पंचायत’ का गठन किया गया था। बंदियों के बीच से सरपंच नियुक्त किए गए थे जो अपने साथियों की समस्याओं को जेल प्रशासन के समक्ष रखकर उनका समाधान करा रहे थे। जेल का माहौल खुशनुमा हुआ और आत्मीयता बढ़ने के साथ-साथ समस्याओं की फेहरिस्त भी छोटी होती चली गई।”
उन्होंने बताया, “जेल में बंदियों की ‘कैबिनेट’ बनाए जाने पर काम चल रहा है। यह ‘मंत्रिमंडल’ अलग-अलग क्षेत्र के माहिर बंदियों को लेकर बनाया जा रहा है जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून, कृषि और कौशल विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के ‘मंत्री’ बनाए जाएंगे। सभी बंदियों के बीच अपने-अपने विभागों की गतिविधियों को संचालित करके जेल प्रशासन और बंदियों के बीच समन्वय स्थापित करने का काम करेंगे।”