बागपत: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के त्योहार उत्साह तथा उमंग की परंपरा के वाहक हैं। उन्होंने कहा कि ये पर्व देश की ऋषि परंपरा की साधना और सिद्धि का परिणाम हैं। मुख्यमंत्री ने बागपत के नांगल गांव स्थित श्री गुरु गोरक्षनाथ आश्रम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महापुराण के शुभारंभ के अवसर पर कहा, ”भारत के त्योहार उत्साह तथा उमंग की परंपरा के वाहक हैं। इनमें शोक और दु:ख के लिए कोई जगह नहीं है। हमने सदैव सकारात्मक सोच के साथ भारत की परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। ये पर्व और त्योहार भारत की ऋषि परंपरा की साधना और सिद्धि का परिणाम हैं। अच्छा सोचो, अच्छा करो तो परिणाम अच्छा ही आएगा।” उन्होंने कहा, ‘‘बागपत की धरती का महाभारत कालीन महत्व है। श्रीकृष्ण ने दुर्योधन से जो पांच गांव मांगे थे, उनमें बागपत की धरती भी शामिल है।”

मुख्यमंत्री ने श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के शुभारंभ पर कहा कि ये महापुराण असल में ‘ज्ञान यज्ञ’ है। उन्होंने कहा, ‘‘ ये मोक्ष और मुक्ति से जुड़े हुए हैं। अलग-अलग व्यक्ति के लिए मुक्ति का अर्थ अलग-अलग हो सकता है। संन्यासी के लिए यह जन्म और मरण के बंधन से छूटना है, वहीं गृहस्थ के लिए उसके सत्कर्मों का सुफल मिलना है। इस महापुराण में ज्ञान, भक्ति और वैराग्य तीनों मिलता है।

आदित्यनाथ ने कहा कि महंत योगी अर्जुननाथ ने बागपत में बड़े सभागार और सरोवर का निर्माण कराया है। अब इनके संरक्षण के लिए स्थानीय लोगों को आगे आना होगा। धार्मिक स्थलों के संरक्षण से नई ऊर्जा मिलती है। उन्होंने कहा यहां (बागपत में) विभिन्न धार्मिक आयोजनों से जुड़ने का आप सभी को अवसर मिलेगा। इससे समाज में सकारात्मकता बढ़ेगी; खुशहाली आएगी और अव्यवस्था समाप्त होगी।

 

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