जगनेर कस्बा की रहने वाली 37 वर्षीय एकता और उनकी छोटी बहन 34 वर्षीय शिखा वर्ष 2005 में ब्रह्मकुमारीज आश्रम से जुड़ी थीं। चार वर्ष पहले जगनेर में बसई रोड पर ब्रह्मकुमारीज आश्रम बनने के बाद वहां रहने लगीं थी। आश्रम में एक अन्य युवती भी रहती है। एकता के भाई सोनू ने बताया कि शुक्रवार रात 11.18 बजे उनके वाट्सएप पर रूपवास ब्रह्मकुमारीज आश्रम की बहन ने सुसाइड नोट भेजा, फोन करके जानकारी दी।
इस पर वह भागकर घर से 13 किलोमीटर दूर आश्रम पहुंचे। यहां दोनों बहनों को फंदे से लटका पाया। दोनों बहनों ने अपने चार पेज के सुसाइड नोट नोट्स में 4 आश्रम कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला-पुरुषों के अवैध संबंधों के साथ ही आर्थिक अनियमितताओं के विषय में भी खुलकर बताया है। आरोप लगाए हैं कि अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देकर दबंगई दिखाते हैं। कहतें है कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
ब्रह्मकुमारीज आश्रम जगनेर में रह रहीं एकता और शिखा ने चार पेज का सुसाइड नोट लिखा था। शिखा ने एक पेज पर ही अपनी पूरी बात लिख दी। जबकि एकता द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट तीन पेज का था। शिखा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि दोनों बहनें एक वर्ष से परेशान थीं। उनकी मौत के लिए नीरज सिंघल, धौलपुर के ताराचंद, नीरज के पिता और ग्वालियर की एक जिम्मेदार है। शिखा ने अपने सुसाइड नोट में मौत के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है।
एकता ने सुसाइड नोट में पूरे मामले का पर्दाफाश किया है। इसमें लिखा है- नीरज ने उनके साथ सेंटर में रहने का आश्वासन दिया था। सेंटर बनने के बाद उसने बात करना बंद कर दिया। एक साल से हम बहनें रोती रहीं। नीरज का साथ उसके पिता, ग्वालियर आश्रम में रहने वाली महिला और ताराचंद ने दिया। पंद्रह साल तक साथ रहने के बाद भी ग्वालियर वाली महिला से संबंध बनाता रहा। इन चारों ने हमारे साथ गद्दारी की है। उनके पिता ने सात लाख रुपये प्लाट के लिए दिए थे। ये रुपये उन्होंने आश्रम से जुड़े व्यक्ति को दिए थे।
इसके साथ ही गरीब माताओं के 18 लाख रुपये उसी व्यक्ति ने हड़प लिए। सेंटर के नाम पर 25 लाख रुपये हड़प लिए। इसके बाद ये लोग सेंटर बनवाने की अफवाह फैलाते हैं। इन लोगों के ग्वालियर की एक महिला से अवैध संबंध हैं। यज्ञ में बैठने लायक भी ये लोग नहीं हैं। धन हड़पने और अनैतिक कार्य करने वाले लोग दबंगई दिखाते हैं और अपनी पहुंच का भय दिखाकर कहते हैं कि उनका कोई कुछ नहीं कर सकता है।
एकता ने लिखा है कि योगी जी, इनको आसाराम बापू की तरह आजीवन कारावास होना चाहिए। इन लोगों ने हमारे साथ तो गलत नहीं किया, लेकिन बहुतों के साथ किया है। किसी से पैसे लाते हैं, उसी पर केस कर देते हैं। आश्रम से जुड़े एक व्यक्ति ने पहले साथ देने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब वह फोन नहीं उठा रहा है। सुसाइड नोट में एकता ने यह भी लिखा कि यह लेटर मुन्नी बहन जी और मृत्युंजय भाई साहब के पास पहुंच जाए। सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों की पुलिस जांच कर रही है।