आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला करते हुए, बहुजन समाज पार्टी (BSP) के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बसपा के चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। आकाश ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि “आप” और भाजपा एक ही तरह की पार्टियां हैं, जिनका असली उद्देश्य जनता को धोखा देना है।

आकाश आनंद ने अपने बयान में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल जल्द ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले हैं और दिल्ली की जनता को एक और धोखा देने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना था कि यह सब एक ड्रामा है, जिसकी प्रोड्यूसर और डायरेक्टर बीजेपी है। आकाश ने लोगों से आग्रह किया कि वे इस बार चुनाव में गंभीरता से सोचें और एक ऐसी पार्टी को चुनें जो वास्तव में उनके हितों की रक्षा कर सके।
आकाश आनंद ने कहा कि ‘आप’ और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, जो दिखावा कर रही हैं, लेकिन असल में उनके हित एक ही हैं। उन्होंने ‘आप’ पर आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार बीजेपी के इशारों पर चल रही है और दोनों पार्टियों के बीच जनता को भ्रमित करने का खेल चल रहा है।
दिल्ली में चुनावी माहौल बनने के साथ ही आकाश आनंद का यह बयान एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आया है, जहां बसपा अपनी स्थिति मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। आकाश का यह रुख बसपा की दिल्ली में सक्रियता और जनाधार बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा संकेत है।
आकाश आनंद के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर पक्ष-विपक्ष की चर्चाएं भी तेज हो गई हैं। एक ओर कुछ यूजर्स उनके बयान का समर्थन कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं।
विनय वर्मा (पटेल) नामक यूजर ने लिखा, “अच्छा, यूपी में तो शून्य पर आ गए, अब दिल्ली और केजरीवाल की चिंता सता रही है आपको। यूपी में दलितों और पिछड़ों की हत्या और आरक्षण घोटाले पर तो कोई बयान नहीं आता आपसे।”
दिनेश कुमार नाम के यूजर ने लिखा, “समझ नहीं आता कि आपकी लड़ाई किससे है। बीजेपी से या बीजेपी छोड़ बाकी सब से?”
इस तरह के कई सवाल आकाश आनंद की रणनीति पर उठाए जा रहे हैं, लेकिन बसपा के समर्थक इस नए कदम को पार्टी के विस्तार की दिशा में एक मजबूत कदम मान रहे हैं।
आकाश आनंद के इस बयान से यह स्पष्ट है कि बसपा आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। पार्टी का उद्देश्य केवल दिल्ली की राजनीति में पैर जमाना नहीं है, बल्कि ‘आप’ और भाजपा की राजनीति को चुनौती देना है। आकाश का बयान बसपा के दिल्ली चुनावी अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है, जहां पार्टी समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों को अपना मुख्य वोट बैंक बनाने की कोशिश कर रही है।

बसपा का यह निर्णय पार्टी के लिए एक नई दिशा की ओर इशारा कर सकता है, जहां वह राष्ट्रीय राजनीति में फिर से अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रही है। पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के लिए आकाश आनंद का यह सक्रिय रुख पार्टी की रणनीति में एक बड़ा बदलाव दर्शाता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बसपा दिल्ली में अपनी पकड़ बना पाएगी और किस हद तक चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कर पाएगी।

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