गाजियाबाद में ऑनलाइन गेम खेलने की आड़ में धर्मातरण कराने वाले गैंग के बारे में पुलिस ने नया खुलासा किया है। धर्मातरण का शिकार हुआ पीड़ित नाबालिग लड़का ‘यूथ क्लब’ नामक यूट्यूब चैनल से जुड़ा हुआ था, जो पाकिस्तान आधारित है। इस चैनल के 13 लाख फॉलोवर हैं और ज्यादातर इस्लामिक प्रवक्ताओं के वीडियो अपलोड हैं।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि गेमिंग एप, चैट और यूट्यूब चैनलों से कुछ ईसाई धर्म के लड़के भी जुड़े हुए हैं, जो पहले ही इस्लाम कुबूल कर चुके हैं। माना जा रहा है कि ये रैकेट काफी बड़ा है, जिसके तार कई शहरों से जुड़े हैं।
डीसीपी निपुण अग्रवाल ने बताया, “अभी तक धर्मातरण के शिकार चार पीड़ित सामने आए हैं और चारों नााबलिग हैं। इसमें एक जैन और तीन हिंदू हैं। ये गाजियाबाद, फरीदाबाद और चंडीगढ़ के रहने वाले हैं। चारों से गाजियाबाद पुलिस ने बातचीत की है। इसके अलावा स्टेट और सेंट्रल एजेंसियों ने भी इन पीड़ितों से पूछताछ की है। जांच एजेंसियों का जो हमसे कॉर्डिनेशन है, उसमें हम पूरी मदद कर रहे हैं।”
डीसीपी ने बताया, “चारों पीड़ितों की मॉडस ऑपरेंडी एक जैसी है। ये चारों पहले गेमिंग एप पर जुड़े। फिर गेम जीतने के लिए कुरान की आयतें पढ़वाई गईं। फिर चैट करके इनका ब्रेनवॉश किया गया। आखिर में इन्हें प्रतिबंधित इस्लामिक प्रवक्ता जाकिर नाईक और तारिक जमील के वीडियो भी दिखाए गए। हम इस मामले में गाजियाबाद से मस्जिद के मौलवी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार कर चुके हैं। मुख्य आरोपी महाराष्ट्र के ठाणे निवासी बद्दो को पकड़ने के लिए गाजियाबाद पुलिस की एक टीम वहां पहुंची हुई है, लेकिन वो हाथ नहीं आ रहा है।”
गाजियाबाद के कविनगर थाने में 30 मई 2023 को एक उद्यमी ने एफआईआर कराई थी। इसके मुताबिक, उनका 17 वर्षीय बेटा दिन में पांच बार जिम जाने की बात कहकर घर से निकलता था। उन्हें शक हुआ तो बेटे का पीछा किया। पता चला कि वह संजयनगर सेक्टर-23 की मस्जिद में पांच बार की नमाज पढ़ने के लिए जाता है। पूछताछ में बेटे ने धर्मातरण की बात कुबूली। पुलिस ने इस मामले में तीन दिन पहले मस्जिद के मौलवी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया। मोबाइल की जांच में पता चला कि धर्मातरण वाला गैंग एक गेमिंग एप से जुड़ा है, जहां पर हिंदू नाबालिग लड़कों का ब्रेनवॉश किया जाता है।