पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों को सलाह दी है कि वे महिला डॉक्टरों की रात की ड्यूटी लगाने से परहेज करें।
मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार अलपन बंदोपाध्याय ने महिला डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए “रातिरेर साथी” नामक पहल की घोषणा करते हुए कहा, “जहां तक संभव हो महिला डॉक्टरों को रात की ड्यूटी देने से परहेज करने के हरसंभव प्रयास किए जाएं।”
उन्होंने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में महिलाओं के प्रति अच्छा व्यवहार रखने वाले सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी।
बंदोपाध्याय ने कहा, “महिला डॉक्टरों के लिए अलग टॉयलेट और रेस्टरूम होंगे। उनके लिए सुरक्षित क्षेत्र बनाये जाएंगे जो पूरी तरह सीसीटीवी की निगरानी में होंगे। एक विशेष ऐप बनाया जाएगा जिसके जरिये डॉक्टर स्थानीय थानों से जुड़े होंगे। अस्पतालों की सभी महिला डॉक्टरों के लिए इस ऐप को डाउनलोड करना अनिवार्य होगा।”
उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में स्थानीय पुलिस द्वारा नियमित रात्रि गश्ती की व्यवस्था की जाएगी।
बंदोपाध्याय ने कहा, “शिफ्ट इस तरह से तय किये जाएंगे कि यदि किसी महिला डॉक्टर की नाइट ड्यूटी लगती है तो उसके साथ एक और महिला डॉक्टर ड्यूटी पर हो।”
निजी अस्पतालों से भी इन दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा, “यह व्यवस्था कोलकाता के साथ जिलों में भी अपनाई जाये। सुरक्षाबलों की तैनाती में प्रशासन को ध्यान रखना होगा कि महिलाओं और पुरुषों का अनुपात संतुलित हो।”
गत 9 अगस्त को कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के परिसर में एक महिला डॉक्टर का शव रहस्यमयी परिस्थितियों में पाया गया था। वह स्नातकोत्तर के दूसरे वर्ष की छात्रा थी और चेस्ट मेडिसिन विभाग में ड्यूटी करती थी। उसका शव इमरजेंसी बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर मिला था।
महिला डॉक्टर की हत्या के खिलाफ देश भर में रोष है और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं।