बता दें कि फीफा महिला वर्ल्ड कप के इतिहास में अभी तक सिर्फ चार देश ही खिताब जीत सके हैं। अमरीका 1991 में सबसे पहले वर्ल्ड कप के साथ 1999, 2015 और 2019 में भी चैंपियन रहा है। वहीं जर्मनी ने 2003 और 2007 में खिताब पर कब्जा जमाया था। जबकि नार्वे और जापान ने क्रमश: 1995 और 2011 में वर्ल्ड कप की ट्रॉफी जीती थी।
रैंकिंग में नंबर-1 अमरीका की टीम 38 वर्षीय दिग्गज सेंट्रल बैंक खिलाड़ी और कप्तान बेकी सॉरब्रून की अगुआई में लगातार तीसरी बार चैंपियन बनकर इतिहास रचना चाहेगी। बेकी की कप्तानी में अमरीका ने 2015 और 2019 विश्व कप के अलावा 2012 लंदन ओलंपिक में भी स्वर्ण पदक जीता था। माना जा रहा है कि बेकी के करियर का यह आखिरी विश्व कप है क्योंकि अगले विश्व कप तक उनकी उम्र 42 साल की हो जाएगी।
विश्व रैंकिंग में नंबर दो स्थान पर रहने वाली जर्मन टीम इस बार अमरीका को कड़ी टक्कर देने और 2007 के बाद पहली बार चैंपियन बनने के लिए कमर कस चुकी है। टीम की कमान एलेक्जेंद्रा पोप के हाथ में है। दो बार की पूर्व चैंपियन जर्मनी ने यूरो कप में शानदार प्रदर्शन किया था। हालांकि टीम दुर्भाग्यशाली रही थी और खिताब जीतने से चूक गई थी।
मौजूदा वर्ल्ड रैंकिंग में नबर-3 स्वीडन पिछली बार तीसरे स्थान पर रही थी। स्वीडन की नजरें भी पहली बार खिताब जीतकर इतिहास रचने पर हैं। टोक्यो ओलंपिक 2022 की उपविजेता रही स्वीडन किसी भी टीम के खिलाफ बड़ा उलटफेर कर सकती है।
वर्ल्ड रैंकिंग में चौथे पायदान पर काबिज ओलंपिक चैंपियन इंग्लैंड 2015 में तीसरे और 2019 में चौथे स्थान पर रही भी। लेकिन, टीम वर्तमान में काफी बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है। कप्तान लीह विलियम्सन की कप्तानी में इंग्लैंड को भी खिताब जीतने के प्रबल दावेदार में से एक माना जा रहा है।