दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को अपनी बिजली मंत्री आतिशी के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा, ”फिर कहते हैं केजरीवाल लड़ता बहुत है। दिल्ली की फ्री बिजली को बंद करने के लिए साजिश रची जा रही है, लेकिन हम इनकी साजिश को कभी सफल नहीं होने देंगे। दिल्ली की जनता के हक के लिए केजरीवाल चट्टान की तरह खड़ा मिलेगा। LG साहब, बाद में कृपया ये मत कहिएगा कि मर्यादाएं टूट रही हैं।”
इससे पहले शुक्रवार को आतिशी ने ट्वीट करते हुए कहा था, ”14 दिन से दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री व पावर मंत्री को बिना बताए फ्री बिजली की फाइल LG साहब से मुख्य सचिव व बिजली सचिव के बीच कहीं घूम रही है, आखिर क्या छिपाना चाहते हैं? क्या डिस्कॉम से कोई सांठगांठ है? अगर कोई षड्यंत्र नहीं है तो इतना डर क्यों? फाइल चुनी हुई सरकार के सामने रखिए।”
बता दें कि, दिल्ली सरकार की बिजली सब्सिडी योजना में अधिकारियों की ओर से बाधा डाले जाने के आरोपों के बाद विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने यह मामला स्थायी समिति को भेज दिया है। बिजली मंत्री आतिशी ने सदन में कहा था कि बिजली सब्सिडी योजना को रोकने के लिए साजिश रची जा रही है।
उन्होंने कहा था, ”ऐसा लगता है कि उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के इशारे पर मुख्य सचिव और अधिकारी बिजली सब्सिडी रोकने की साजिश कर रहे हैं। इस मामले में एक फाइल मुख्य सचिव को इस दिशानिर्देश के साथ भेजी गई थी कि इसे 15 दिनों के भीतर कैबिनेट को भेजा जाना चाहिए, लेकिन आज 24 मार्च है और फाइल मेरे पास नहीं आई है। फाइल मुख्यमंत्री को भेजने के बजाय, फाइल मुख्य सचिव को भेजी गई थी।”
‘आप’ विधायकों ने भी इस मुद्दे का समर्थन किया, जिसके बाद गोयल ने इस मामले को स्थायी समिति के पास भेज दिया।
इस महीने की शुरुआत में कथित तौर पर एलजी ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को बिजली विभाग को यह निर्देश देने को कहा था कि वह बिजली सब्सिडी पर प्रतिबंध लगाने को लेकर दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) की सलाह को मंत्रिपरिषद् के समक्ष रखे और 15 दिनों के भीतर निर्णय लेने की सलाह दे।
एलजी ने दिल्ली सरकार को डीईआरसी की वैधानिक सलाह के आधार पर ‘गरीब और जरूरतमंद उपभोक्ताओं’ तक बिजली सब्सिडी सीमित करने पर विचार करने का निर्देश दिया। डीईआरसी के इस परामर्श को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
बता दें कि, उपराज्यपाल ने दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन 17 मार्च को सदन में अपने पहले संबोधन के बाद बाहर निकलकर मीडिया कर्मियों द्वारा उनके और मुख्यमंत्री केजरीवाल के तल्ख रिश्तों के बारे में सवाल पूछे जाने पर कहा था कि पिछले कुछ दिनों में अभिव्यक्ति की मर्यादा तार-तार हुई हैं। इस दौरान, केजरीवाल भी उनके साथ थे। उन्होंने विभिन्न मुद्दों को लेकर ‘आप’ सरकार और एलजी ऑफिस के बीच जारी टकराव के बीच यह टिप्पणी की थी। हालांकि, सक्सेना ने जोर देकर कहा था कि संबंध बरकरार रहेंगे, क्योंकि यह ‘हमारी सरकार’ है।
सक्सेना ने कहा था, “देखिए, इसमें कोई संदेह नहीं है कि पिछले कुछ दिनों में अभिव्यक्ति की कुछ सीमाएं तार-तार हुई हैं, लेकिन मैं एक बात कहना चाहूंगा। एक पेड़ ने हवाओं के लिए बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां कही हैं-वह रोज मेरे पत्तों को गिराती है, लेकिन फिर भी उसके साथ मेरा रिश्ता खत्म नहीं होता। यह हमारी सरकार है, रिश्ते कैसे टूट सकते हैं?”