उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद के भू माफिया अनुपम दुबे की फर्म को भुगतान करने पर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों पर गाज गिरी है। राज्यपाल के अनुमोदन के बाद शासन ने 2 अधिशासी अभियंताओं को निलंबित कर दिया है। शासन की कार्रवाई से लोक निर्माण विभाग में हड़कंप मच गया है। तत्कालीन जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने अनुपम दुबे पर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज होने के बाद बड़ी कार्रवाई की थी। अनुपम दुबे की मां कुसुमलता दुबे के नाम से बनाए गए हैसियत और चरित्र प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया था। इसके साथ ही परिवार के सदस्यों के बैंक अकाउंट को भी सीज करने के आदेश दिए थे। इसके बाद भी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने अनुपम दुबे की फॉर्म को करीब 4 करोड रुपए का भुगतान किया।

डीएम ने निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता राजकुमार पिथूरिया और प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता जोध कुमार के खिलाफ शासन को पत्र लिखा था। डीएम के पात्र को संज्ञान में लेते हुए शासन ने मामले की जांच कराई। इसके बाद दोनों अधिशासी अभियंता को प्रशासनिक कदाचार का दोषी माना जिन्होंने नियम विरुद्ध भुगतान किया है। विशेष सचिव प्रभुनाथ के पत्र के अनुसार दोनों अधिशासी अभियंताओं को निलंबित करते हुए प्रमुख अभियंता (विकास) लोक निर्माण विभाग, लखनऊ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।

तत्कालीन डीएम ने अनुपम दुबे की मां कुसुमलता दुबे के नाम पर बने फर्म के खिलाफ कार्रवाई की थी। हैसियत और चरित्र प्रमाण पत्र निरस्त करते हुए सभी बैंक खातों को सीज कर दिया गया था। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग सहित अन्य सरकारी संस्थाओं को भी जानकारी दी गई थी कि कुसुमलता दुबे के नाम पर पंजीकृत फॉर्म को किसी भी प्रकार का भुगतान न किया जाए।

जिला प्रशासन की कार्रवाई के बाद भी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने कुसुम लता दुबे की फॉर्म को ना तो ब्लैक लिस्ट और ना ही डिबार किया। इसके उलट एक-एक करके करीब चार करोड रुपए का भुगतान कर दिया गया। जिसे शासन में गंभीर प्रशासनिक कदाचार माना है। दोनों ही अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई।

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