कई बार बिना योग्यता और डिग्री के फर्जी डॉक्टर मरीजों का इलाज करते पकड़े जाते हैं। इसकी कीमत मरीजों को चुकानी पड़ती है। ऐसे फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल (एमएमसी) ने नई शुरुआत की है। इसके तहत डॉक्टरों को अपने क्लिनिक और अस्पतालों में एक खास क्यूआर कोड लगाना होगा, जिसे स्कैन कर मरीज डॉक्टर की प्रामाणिकता जांच पाएंगे। फर्जी डॉक्टरों पर निगरानी रखने और उन्हें मरीजों का इलाज करने से रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है। जल्द ही इसे लागू भी कर दिया जाएगा।

एमएमसी के प्रशासक डॉ. विंकी रुघवानी ने बताया कि जब मरीज किसी डॉक्टर के पास जाएगा तो वह इस क्यूआर कोड को स्कैन कर डॉक्टर के बारे में सभी जरूरी बातें जान सकेगा। इससे मरीजों की सेहत से खिलवाड़ भी नहीं होगा और फर्जी डॉक्टरों की धरपकड़ में भी मदद मिलेगी।
डॉक्टर्स के पास क्लिनिक पर आने वाले मरीज क्लिनिक पर लगे KYD सर्टिफिकेट पर दिखाई दे रहे क्यूआर कोड को अपने मोबाइल फोन से स्कैन कर सकेंगे। क्यूआर कोड स्कैन होते ही मरीजों को डॉक्टर की डिग्री, रजिस्ट्रेशन जैसी सभी जानकारियां मरीजों के मोबाइल पर शो होंगी। जिससे आसानी से पता चल जाएगा कि डॉक्टर फर्जी है या रियल।

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