कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने मंगलसूत्र संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी को लेकर मंगलवार को उन पर पलटवार किया और कहा कि उनकी मां सोनिया गांधी का मंगलसूत्र देश के लिए कुर्बान हुआ है।

प्रियंका ने बेंगलुरु की एक चुनावी सभा में यह भी कहा कि अगर प्रधानमंत्री मंगलसूत्र का महत्व समझते तो ऐसी बातें नहीं करते।

राजस्थान के बांसवाड़ा में रविवार को एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कांग्रेस की योजना लोगों की गाढ़ी कमायी और संपत्ति ‘‘घुसपैठियों’’ तथा ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले लोगों को देने की है।

मोदी ने कहा था, ‘‘ये अर्बन नक्सल वाली सोच…. मेरी माताओ- बहनों ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे। इस हद तक चले जाएंगे।”

प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘अगर प्रधानमंत्री मंगलसूत्र का महत्व समझते तो ऐसी बातें नहीं करते..55 साल क्या कांग्रेस ने किसी का सोना या मंगलसूत्र छीना? जब देश युद्ध लड़ रहा था, इंदिरा जी ने अपने गहने देश को दे दिए थे। मेरी मां का मंगलसूत्र इस देश के लिए कुर्बान हुआ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब मेरी बहनों को नोटबंदी के चलते अपने मंगलसूत्र गिरवी रखने पड़े तब प्रधानमंत्री जी कहां थे। प्रधानमंत्री जी तब कहां हैं जब कर्ज तले दबे किसान की पत्नी को अपना मंगलसूत्र बेचना पड़ता है। प्रधानमंत्री जी ने मणिपुर की उस महिला के बारे में क्यों कुछ नहीं बोला जिसे निर्वस्त्र करके घुमाया गया। महंगाई ने आज कितनों के मंगलसूत्र गिरवी रखवा दिए हैं।’’

प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री ध्यान भटकाने के लिए ऐसी बातें कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘वे (भाजपा) हर चीज के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन उन मुद्दों पर चुप हैं जिनका लोग सामना कर रहे हैं। बहुत सारे मुद्दे हैं चाहे किसान हों, छात्र हों, नौकरी की तलाश कर रहे युवा हों, मदद की तलाश में महिलाएं हों, बहुत सारे बड़े मुद्दे हैं। ध्यान इन्हीं मुद्दों पर केंद्रित करना चाहिए।’’

प्रियंका ने कहा, ‘‘ऐसे मुद्दों को हमेशा उठाया जाता रहा है ताकि लोगों का ध्यान भटके और उनकी भावनाएं भड़कें और फिर वे समझबूझ कर वोट करने की बजाय भावनाओं से वोट करें।’’

कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, ‘‘जब उनके (प्रधानमंत्री) पास कोई मुद्दा नहीं बचा है तो अब भटकाने के लिए इधर-उधर की बातें कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस का घोषणापत्र महिलाओं को एक लाख रुपये देकर उन्हें मजबूत करने की बात करता है, छात्रों का ऋण माफ करने की बात करता है, किसानों की कर्जमाफ़ी और एमएसपी की गारंटी की बात करता है। 30 लाख सरकारी पदों को भरने की बात करता है।’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी बताएं कि वो इन मुद्दों पर चुप क्यों हैं? मैं उन्हें चुनौती देती हूं कि एक चुनाव मुद्दों पर लड़कर दिखाएं।’’

इससे पहले, प्रियंका गांधी ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘एक जमाना था जब देश में एक नेता खड़ा होता था तो देशवासी उससे ये आशा रखते थे कि वह एक नैतिक इंसान होगा। आज देश के ‘सबसे बड़े नेता’ नैतिकता को छोड़कर आपके सामने नाटक करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक जमाना था जब हम अपने नेताओं से ये उम्मीद रखते थे कि वे सत्य के पथ पर चलेंगे। आज देश के सबसे बड़े नेता अपनी सत्ता दिखाने निकलते हैं, अपनी शान, अपनी शोहरत दिखाते हैं, लेकिन सत्य के पथ पर नहीं चलते।’’

प्रियंका ने कहा कि एक समय था जब नेता परोपकारी और सेवा-उन्मुख होते थे लेकिन अब लोग ‘‘देश के सबसे बड़े नेता’’ में केवल अहंकार देखते हैं।

कांग्रेस नेता ने रेखांकित किया कि सत्य के रास्ते पर चलना और दूसरों की सेवा करने के भाव के साथ देश की सेवा करना हिंदू परंपरा के साथ-साथ राजनीतिक परंपरा भी रहा है।

उन्होंने कहा कि पिछले सभी प्रधानमंत्रियों ने, चाहे वे किसी भी पार्टी से रहे हों, देश के लोगों के लिए समर्पण के साथ काम किया।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘लेकिन आज नरेन्द्र मोदी की सरकार में झूठ हावी है, जब वह अनुचित तरीकों से सरकारें गिराते हैं, तो मीडिया इसे ‘मोदी का मास्टरस्ट्रोक’ कहता है।’’

उन्होंने अब खत्म हो चुकी चुनावी बॉण्ड योजना के बारे में दावा किया कि जिन कंपनियों पर छापे मारे गए उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चंदा दिया और फिर उनके खिलाफ मामले बंद कर दिए गए।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘अब यह स्पष्ट हो गया है कि कैसे नोटबंदी के माध्यम से काले धन को सफेद किया गया और फिर इसे भाजपा के खाते में जमा किया गया।’’

प्रियंका ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि जो कंपनियां 100 करोड़ रुपये भी कमाने में असमर्थ थीं, उन्होंने भाजपा को (चुनावी बॉण्ड योजना के तहत) 1,100 करोड़ रुपये का चंदा कैसे दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष को भ्रष्ट कहकर निशाना बनाया जाता है लेकिन हकीकत यह है कि भाजपा भ्रष्ट है और उसने पिछले 10 वर्षों में देश को गुमराह किया है।’’

कांग्रेस महासचिव ने एक भाजपा नेता के संविधान बदलने संबंधी बयान को याद करते हुए लोगों से सावधान रहने को कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘आपको उन लोगों की बात ध्यान से सुननी चाहिए जो संविधान को बदलने की बात करते हैं क्योंकि इसका सीधा असर आपके जीवन पर पड़ेगा।’’

प्रियंका ने कहा कि भाजपा नेता कभी महंगाई कम करने, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में नहीं बोलते बल्कि वे केवल ‘‘भड़काऊ और ध्यान भटकाने वाली बात बोलते हैं और मीडिया उनके सामने नतमस्तक हो जाता है।’’

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