राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद कांग्रेस ने रविवार को देश में सत्याग्रह किया। इस दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। वहीं, भाजपा ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि गांधी परिवार खुद को कानून से ऊपर समझता है। भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने भाजपा मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि गांधी परिवार को अपने लिए दो विधान चाहिए। कांग्रेस ये सत्याग्रह कोर्ट के फैसले के विरोध में कर रही है। सत्याग्रह के नाम पर दुराग्रह है। राहुल ने भारत के खिलाफ बयान दिया था। उनकी सांसदी कानून के मुताबिक गई है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी जी…आप वीर सावरकर हो भी नहीं सकते क्योंकि वीर सावरकर ने साल के छह महीने विदेशों में छुट्टियां मनाने जाते थे न ही अपने देश के खिलाफ विदेशियों से मदद मांगते थे। उन्होंने ब्रिटेन में जाकर मां भारती को गुलामी की जंजीर से मुक्त कराने का शंखानाद किया था। आप वीर सावरकर पर नहीं अपनी दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर प्रश्न खड़े कर रहे हैं। वीर सावरकर के सम्मान में इंदिरा गांधी का लिखा वह पत्र पढ़िए, वहां आपको आपके कुतर्कों का जवाब मिल जाएगा। सावरकर से खुद की तुलना मत कीजिए।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भाषा मर्यादा में नहीं और मर्यादा पुरुषोत्तम से तुलना करते हैं। गांधी परिवार क्या अपने आप को रघुकुल और पांडव कुल के बराबर समझा है? यह हमारे आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का अपमान है। देश की सबसे प्रिविलेज्ड फैमिली होने का अहंकार आप लोगों से छूटता नहीं।
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि प्रियंका वाड्रा ने राहुल गांधी की तुलना भगवान राम से की। साथ ही नेहरू-गांधी परिवार को राजा दशरथ के समान बता दिया। ये करोड़ों राम भक्तों की आस्था पर गहरा प्रहार है। ये कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। कल कांग्रेस के बड़े नेता ने नेहरू गांधी परिवार के लिए अलग कानून की मांग की थी।
प्रियंका गांधी ने संकल्प सत्याग्रह में कहा था कि बीजेपी के नेता हमारे परिवार का अपमान करते गए। संसद में मेरे भाई ने मोदी जी को गले लगाया और कहा कि मैं आपसे नफरत नहीं करता हूं। हमारी विचारधारा अलग है, लेकिन हमारी नफरत की विचारधारा नहीं है। क्या यही इस देश की परंपरा है। अगर आप परिवारवादी कहते हैं तो भगवान राम कौन थे? भगवान राम को वनवास भेजा गया, लेकिन उन्होंने अपने परिवार और धरती के प्रति अपना फर्ज निभाया। तो क्या भगवान राम परिवारवादी थे। क्या पांडव परिवारवादी थे जो अपने परिवारों के संस्कार के लिए लड़े। क्या हमें शर्म आनी चाहिए कि हमारे परिवार के सदस्य इस देश के लिए शहीद हुए।