भव्य राम मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा से पहले रविवार को विहिप की ओर से ‘अक्षत पूजन’ कार्यक्रम सम्पन्न किया गया। इस कार्यक्रम में देशभर से केरल, तमिलनाडु, अंडमान निकोबार सहित 45 प्रांतो से 100 से ज्यादा विहिप प्रतिनिधि अयोध्या में आयोजित होने वाले आकर्षण पूजन कार्यक्रम में पहुंचे। उन्हें रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने भगवान राम लला के सामने रखे गए कलश सौंपे।
इसके बाद चंपत राय ने कहा, 500 साल बाद भगवान जन्मभूमि में लौट रहे हैं। लोग अयोध्या जैसा माहौल गांव में भी बनाए । प्राण-प्रतिष्ठा वाले दिन हर घर दीये जलाकर खुशी मनाएं।
विहिप कार्यकर्ताओं को सौंपे गए पीतल के कलश में 5 किलो अक्षत रखा गया है। भगवान राम के इस प्रसाद को लेकर विहिप कार्यकर्ता देश के कोने-कोने में जाकर घरों में बांटेंगे। अक्षत बिना टूटे चावल, हल्दी और देशी घी से बनाकर बनाया गया है। अक्षत में एक क्विंटल पिसी हुई हल्दी और 21 किलो देसी घी मिलाया गया है।
ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा, अक्षत पूजन रामलला के सामने किया गया। राम जन्मभूमि पथ से विहिप कार्यकर्ता कलश लेकर रवाना हो गए हैं। कार्यकर्ता जिले से लेकर गांव-गाव तक लोगों के पास पहुंचाएंगे। 22 जनवरी को भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। प्राण-प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण अपने गांव में लोगों को दिखाने की व्यवस्था करें। अक्षत गांव में पूजन के लिए है न की अयोध्या आने का निमंत्रण है।उन्होंने कहा, प्राण-प्रतिष्ठा के दिन गांव में लोग इकट्ठा हों। प्रातः 11 बजे से अपराह्न एक बजे तक का कार्यक्रम करें। भगवान का पूजन दोपहर 12 बजे शुरू होगा। आरती के बाद लोग प्रसाद वितरण करें। शाम 6.15 बजे दीपावली मनाकर खुशी मनाएं। जिस तरह से राम के वनवास से लौटने पर दीपावली मनाई गई थी। उसी तरह इस बार 500 साल बाद अपनी जन्मभूमि पर लौटने पर दीपावली मनाई जाएगी।
चंपत राय ने बताया कि शनिवार को रात में रामलला के सामने आकर्षण रखा गया था। प्रातः आरती के समय से दोपहर के आरती तक कलश भगवान के सामने रखा था। भगवान के सामने कार्यकर्ताओं को कलश सौंपा गया है। यह कलश कार्यकर्ता अपने केंद्र पर ले जाएंगे। वहां अक्षत मिलाकर गांव-गांव और ब्लॉक, तहसील में बांटेंगे। विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज ने कहा कि 500 सालों बाद रामलला अपनी जन्मभूमि स्थित मंदिर पर विराजमान होने जा रहे हैं। यह पूरे विश्व की राम भक्तों के लिए अपार हर्ष की बात है। इस दिन अयोध्या की परिस्थितियों के कारण जो राम भक्त अयोध्या नहीं आ सकते। वह अपने देश में ही ,अपने गांव में ही, अपने कस्बे ,तहसील और वार्ड में ही प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव किसी मंदिर में मनाएं। इसके लिए अक्षत पूजन किया गया है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights