अयोध्या: उत्तर प्रदेश सरकार ने देशभर के प्रसिद्ध मंदिरों के इतिहास को प्रदर्शित करने के लिए अयोध्या में एक संग्रहालय बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार इस परियोजना के लिए एक विस्तृत खाका तैयार कर रही है। अयोध्या के आयुक्त गौरव दयाल ने बताया कि यह मंदिर 10 एकड़ से अधिक भूमि पर बनाए जाने की योजना है और इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष एक प्रस्तुतीकरण दिया गया।

उन्होंने कहा कि इसके लिए भूमि का चयन अभी नहीं किया गया है। दयाल के अनुसार संग्रहालय में मंदिर के विभिन्न पहलुओं जैसे उसके डिजाइन, निर्माण आदि को प्रदर्शित करने वाली अलग-अलग दीर्घाएं होंगी। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित संग्रहालय की दीर्घाओं में देश के प्रसिद्ध मंदिरों की विशिष्टताओं और वास्तुकला को चित्रों और भित्ति चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें ‘लाइट एंड साउंड शो’ भी आयोजित किया जाएगा। अयोध्या के जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग ने संग्रहालय की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करनी शुरू कर दी है।

कुमार ने कहा कि इस संग्रहालय का मुख्य उद्देश्य हिंदू धर्म और इसकी विरासत के बारे में जागरुकता लाना है, साथ ही दर्शन, धार्मिक व्यक्तित्व, धार्मिक केंद्र, हिंदू तीर्थस्थलों को भी यहां प्रदर्शित किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि परिसर में एक बगीचा, तालाब, कैफेटेरिया और बेसमेंट में पार्किंग भी बनाये जाने की योजना हैं। तीर्थ नगरी अयोध्या में कम से कम छह हजार मंदिर हैं और सामान्य दिनों में लगभग तीन लाख लोग यहां आते हैं। जिला प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि मकर संक्रांति, राम नवमी, जुलाई-अगस्त में सावन झूला मेला, चौदह कोसी परिक्रमा, अक्टूबर-नवंबर में पंच कोसी परिक्रमा और दीपों के पर्व दिवाली जैसे त्योहारों के दौरान यहां आने वालों की संख्या लगभग 10 लाख तक हो जाती है। अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर श्रद्धालुओं के लिए अगले साल जनवरी में खुलने की उम्मीद है।

 

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