जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वे प्रधानमंत्री का चेहरा नहीं हैं। कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री के लिए एक ही चेहरा है और वह है राहुल गांधी। उन्हीं का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुकाबला है। भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी की लोकप्रियता बढ़ रही थी, इससे भाजपा डर गई थी। गुजरात का मामला उसी से जुड़ा हुआ है। गहलोत ने कहा, उन्होंने तो अंतिम सांस तक राजस्थान की सेवा करने का संकल्प ले रखा है।

मुख्यमंत्री गहलोत ने जिलों के गठन को लेकर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवाल पर यह बात कही। राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि आजादी के बाद पहला मामला है जिसमें अधिकतम दो साल की सजा हुई है। गुजरात हाईकोर्ट ने जो बैकग्राउंड जोडा वह उसका काम ही नहीं था।

राजस्थान में पीएम के चेहरे पर चुनाव के कारण उनका कद पीएम की बराबरी में होने के सवाल पर उनका कहना था कि एक ओर विश्व गुरु हैं और दूसरी ओर राजस्थान का सेवक, मैं उनके बराबर कहां।

हत्या-बलात्कार की घटनाओं को लेकर कहा कि ये घटनाएं हो रही हैं, लेकिन करने वाले बाहर के नहीं हैं। अपराध हर राज्य में हो रहे हैं, लेकिन यहां मैंने गारंटी दे रखी है कि एफआईआर होगी ही होगी।

मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा में जो नेता सीएम के चेहरे बने हुए हैं, उनका लेवल क्या है? वसुंधरा राजे असली सीएम का चेहरा है। उसे तो इन्होंने छिपा रखा है। जयपुर में इन्होंने घेराव किया उसमें वसुंधरा राजे क्यों नहीं आईं? यहां भाजपा नेता 25 साल में भी चेहरे नहीं बन पाए। चार-पांच चुनाव जीतने के बावजूद इनका हाईकमान इन्हें अंडरएस्टीमेट कर रहा है।

गहलोत ने कहा कि अच्छा होता मेरे स्वास्थ्य पर कमेंट करने वाले मुझसे मिलने आते। इन्हें शर्म भी नहीं आती कि अपने राज्य के मुख्यमंत्री की चोट के बारे में इस तरह के कमेंट कर रहे हैं। इनको डर है कहीं ममता की तरह गहलोत व्हील चेयर पर घूमकर चुनाव न जीत जाए। मुझे तो जब किरोड़ीलाल की दिमाग से संबंधित बीमारी का पता लगा तो उनको अमरीका भेजकर इलाज करवाया था। राजीव गांधी ने अटल बिहारी वाजपेयी का इलाज करवाया था।

इधर सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सवाई माधोपुर की सीमेंट फैैक्ट्री के आंदोलन के समय तत्कालीन कांग्रेस सरकार की पुलिस ने मेरा सिर फोड़ा और चिकित्सकों ने मुझे इलाज के लिए अमरीका जाने की सलाह दी थी। मैं आपसे व्यक्तिगत रूप से मिलकर कुशलक्षेम जानने इसलिए नहीं आ सकता क्योंकि आपकी पुलिस सीएम आवास की ओर आते ही मुझे घेर लेती है और अपमानित करती है। कुछ महीने पहले वीरांगनाओं के मामले में पुलिस ने मेरी गर्दन तोड़ दी थी। मेरे हालचाल पूछना तो दूर आपके दबाव में एसएमएस के डॉक्टरों ने एम्स भी रैफर नहीं किया।

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