राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में जाने के बाद कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से आपात बैठक बुलाने और इस पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा करने का आग्रह किया। यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य पवन खेड़ा ने कहा, “चाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उन्हें वायु प्रदूषण पर एक आपातकालीन बैठक बुलानी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “कुछ जरूरी कदम तुरंत उठाए जाने चाहिए। हमने वो दौर देखा है जब सफेद शर्ट के कॉलर एक घंटे में काले हो जाते थे। तब शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थीं और प्रभावी कदम उठाए गए थे। और सभी विपक्षी दलों ने उनका समर्थन किया था।”
उन्होंने कहा, ”हम सब बैठकर बात करने को तैयार हैं, लेकिन पहले आप जरूरी कदम उठाने का निर्णय लें, यही हमारा अनुरोध है.”
उन्होंने यह टिप्पणी राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता के ‘गंभीर’ श्रेणी में चले जाने से जुड़े एक सवाल के जवाब में की, जबकि केजरीवाल मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं।
दिल्ली-एनसीआर के निवासियों की सुबह धुंध भरी रही और शुक्रवार को हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में, आनंद विहार में AQI 500 पर पीएम 2.5 और पीएम 10 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया, जबकि NO2 ‘संतोषजनक’ स्तर से अधिक 76 पर दर्ज किया गया और CO 113 पर ‘मध्यम’ श्रेणी में था।
बवाना में, पीएम 2.5 500 तक पहुंच गया, जबकि पीएम 10 499 पर था, दोनों ‘गंभीर’ श्रेणी में थे, जबकि सीओ 113 पर, ‘मध्यम’ श्रेणी में और एनओ2 34 पर, ‘संतोषजनक’ स्तर पर दर्ज किया गया था।दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) के स्टेशन ने पीएम 10 को ‘गंभीर श्रेणी’ के तहत 500 पर दर्ज किया, जबकि पीएम 2.5 को ‘बहुत खराब’ श्रेणी के तहत 376 पर दर्ज किया गया। डीटीयू में सीओ 110 पर था और एनओ2 मध्यम श्रेणी के तहत 103 पर पहुंच गया।
निकटवर्ती नोएडा में एक्यूआई 498 पर ‘गंभीर’ श्रेणी में था, जबकि गुरुग्राम में एक्यूआई 381 पर था, जो इसे ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखता है।