दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि बच्चों के यौन उत्पीड़न संबंधी पोक्सो मामलों को मध्यस्थता या समझौते के आधार पर खत्म नहीं किया जा सकता। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को रद्द करने के लिए एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें 2015 में पोक्सो मामले को समझौते के आधार पर बंद कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि पोक्सो कानून के तहत मामलों में मध्यस्थता या समझौता करने का कोई भी प्रयास न्याय के सिद्धांतों और पीड़ितों के अधिकारों को कमजोर करता है और किसी भी परिस्थिति में उन पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने रामायण, महाभारत, भगवद् गीता, बाइबिल, कुरान और कौटिल्य के अर्थशास्त्र का हवाला देते हुए मध्यस्थता का महत्व बताया लेकिन कहा कि पोक्सो मामलों में मध्यस्थता नहीं हाेनी चाहिए।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में घर में नजरबंद रखे गए सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने सुरक्षा व सुविधाओं पर खर्च 1.40 करोड़ रुपए अब तक नहीं चुकाए हैं। एनआइए ने नवलखा को बॉम्बे हाई कोर्ट से मिली जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जस्टिस एमएम सुंदरेश एवं जस्टिस एसवीएन भट्टी की अदालत में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (SSG) एसवी राजू ने कहा कि नवलखा से यह रकम दिलाई जाए। नवलखा की वकील नित्या रामकृष्ण ने इस पर आश्चर्य जताते हुए इसे वसूली की संज्ञा दी। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई अप्रैल तक टाल दी।