समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्सप्रेस वे के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुये मंगलवार को कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे गुणवत्ता मानकों के विपरीत है और यात्रा के लिए खतरनाक हैं।
सपा अध्यक्ष ने जारी बयान में कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे दो बार धंस चुका है। इस सड़क के लोकार्पण के बाद ही इसके धंसने की सूचना थी। यहां दुर्घटना भी हो चुकी है। सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे धंस गया है। यही स्थिति बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे की भी है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे हो या बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे दोनों की गुणवत्ता मानकों के विपरीत है और ये यात्रा के लिए खतरनाक बनी हुई है। इनकी गुणवत्ता और रखरखाव की जांच होनी चाहिए, तभी घोटाले और भ्रष्टाचार की सच्चाई का पता चल पाएगा।
उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे के घोटाले की कड़ी में भाजपा राज में वृक्षारोपण का घोटाला भी सामने आ रहा है। पिछले वर्ष 31 करोड़ वृक्ष लगाने का सरकारी दावा था। इस वर्ष 35 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य घोषित है। भाजपा सरकार के छह साल में 132 करोड़ वृक्ष लगाये जाने का दावा है। सवाल यह है कि इतने पेड़ कहां लगे हैं,कितने क्षेत्रफल में वृक्षारोपण हुआ है। भाजपाई पारदर्शिता की बाते बहुत करते हैं उन्हें यह बताने में क्यों संकोच है कि कहां-कहां कितने पेड़ लगा दिए गए। ये भी बता दें कि उनके शासन काल में कितने पेड़ काटे गए हैं।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार की नीयत में ही बुनियादी खोट है। इसके परिणाम स्वरूप जनहित में वह एक भी योजना कार्यान्वित नहीं कर पाई है। उसका सारा ध्यान सत्ता में काबिज रहने के लिए चुनाव और योजनाओं में घपला करने पर ही रहता है। भाजपा सरकार के कारनामों की सजा जनता भुगत रही है। आगे चुनाव में इसकी सजा भाजपा भुगतेगी। अब भाजपाराज की आखिरी गिनती शुरू हो गई है।