वाराणसी। शिवपुर थाने पर साल 2005 में तत्कालीन थानाध्यक्ष ने पूर्व विधायक उदयभान सिंह पर 10 मुकदमों का हवाला देकर गैंगेस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था। 18 साल पुराने इस मामले में विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए अवनीश गौतम की अदालत ने बुधवार को पूर्व विधायक उदयभान सिंह उर्फ डॉक्टर को गैंगेस्टर एक्ट में 10 साल की सजा सुना दी। इसके इलावा एक लाख का जुर्माना भी लगाया। वही खुद को निर्दोष बताने वाला उदयभान सिंह कोर्ट में सज सुनते ही गिड़गिड़ाने लगा और सजा कम करने की अपील की। वहीं कोर्ट ने उसे राहत देते हुए कहा कि अभी तक जेल में जितने दिन भी उदयभान ने बिताएं हैं वो इस सजा में समाहित किए जाएंगे। बता दें कि गोपीगंज-मिर्जापुर तिराहे पर चार अप्रैल 1999 में हुए तिहरे हत्याकांड में उसे वर्ष 2004 में तिहरे हत्याकांड में जिला जज की अदालत से आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है और वह तब से ही सेंट्रल जेल वाराणसी में बंद है।
एडीजीसी विनय कुमार सिंह ने बताया कि मिर्जापुर जिले के चील्ह ब्लॉक के सेमरा गांव के रहने वाले पूर्व विधायक उदयभान सिंह को विशेष न्यायधीश एमपी/एमएलए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। उन्होंने बताया कि यह विनीत सिंह के गैंग का सक्रिय सदस्य है। इसमें इसके साथ संतोष उर्फ किट्टू और प्रदीप उर्फ सीओ शामिल थे और इनके खिलाफ कोई भी बयान देने से कतराता था जिस वजह से फैसला आने में 18 साल का समय लगा।
विनीत सिंह और उदयभान की साजिश से सेन्ट्रल जेल में बंद कुख्यात अनुराग त्रिपाठी उर्फ अन्नू की हटाया कर दी गई थी। इसके पहले भी पेशी से नैनी जेल जाते समय भी अन्नू पर हमला हुआ था। इसमें सरकारी चालक की मौत हो गई थी। इसके अलावा भदोही के गोपगंज में हुए तिहरे हत्याकांड को भी इस गैंगचार्ट में शामिल किया गया था।
गैंगस्टर के इस मुकदमे में उदयभान सिंह का बयान 10 अगस्त 2023 को दर्ज कराया गया था। तब उसने कहा था कि राजनीतिक विद्वेश में फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया था। मैं निर्दोष हूं। मगर, बुधवार को अदालत में दोषी करार होते ही वह गिड़गिड़ाने लगा और बोला, मैं पहले ही 10 वर्ष से अधिक समय तक जेल में रह चुका हूं। बूढ़ा हूं और घर का इकलौता कमाऊ सदस्य हूं। मुझे कम से कम सजा मिले।