हाल ही में कोलकाता रेप केस के बाद महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार और समाज की सोच पर एक नया विवाद उठ खड़ा हुआ है। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे एक पोस्ट में पब्लिक पॉलिसी कंसलटेंट और वकील आशिमा गुलाटी ने समाज की दकियानूसी सोच पर करारा जवाब दिया है। इस पोस्ट ने महिलाओं के पहनावे को लेकर पुरुषों की मानसिकता और बलात्कार के मामलों पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

आशिमा गुलाटी ने लिंक्डइन पर अपनी एक फोटो साझा की, जिसमें वे पारंपरिक साड़ी में नजर आ रही थीं। इस पोस्ट पर एक यूजर ने आशिमा के पहनावे को पेशेवर इमेज के खिलाफ करार दिया और टिप्पणी की कि यह पहनावा उचित नहीं है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, आशिमा ने एक लंबा और तीखा पोस्ट लिखा। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या पुरुष इस कारण बलात्कार करते हैं कि वे उनके पहनावे को पसंद नहीं करते। आशिमा ने यह भी पूछा कि क्या महिलाओं के निजी जीवन पर इस तरह की टिप्पणियां उचित हैं।

आशिमा ने अपने पोस्ट में लिखा कि कुछ लोग मानते हैं कि महिलाएं अपने शरीर को दिखाकर पुरुषों को लुभाती हैं और इसलिए उन्हें सुरक्षित रहने के लिए अपने पहनावे और रातभर काम करने की आदतों में बदलाव करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग मानते हैं कि केवल विशेष आर्थिक समूह के लोग बलात्कार करते हैं। आशिमा ने बलात्कार पर समाज के गंभीर दृष्टिकोण की कमी की आलोचना की और कहा कि छेड़छाड़ और बलात्कार को लेकर जो मानसिकता है, वह पूरी तरह से गलत है।

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आशिमा ने यह भी कहा कि समाज की मानसिकता को बदलना बेहद जरूरी है। उन्होंने यह बात भी उठाई कि महिलाओं के कपड़े और उनके जीवनशैली के आधार पर उनके खिलाफ टिप्पणी करना पूरी तरह से नकारात्मक सोच को दर्शाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि महिलाओं को उनके पहनावे के आधार पर दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए और बलात्कार को केवल मर्डर के रूप में नहीं देखना चाहिए, क्योंकि यह अपने आप में एक गंभीर हिंसा है।
आशिमा के इस पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने जमकर प्रतिक्रिया दी है। अधिकांश यूजर्स ने आशिमा की बातों का समर्थन किया और कहा कि पितृसत्तात्मक सोच और महिलाओं की स्वतंत्रता को लेकर समाज में गहरी समस्याएं हैं। एक यूजर ने टिप्पणी की कि अहंकारी पुरुषों को महिलाओं के खुलकर जीने की आदत बर्दाश्त नहीं हो रही है, जो कि लंबे समय से चली आ रही एक मानसिकता का परिणाम है।

 

 

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