कानपुर के आनंदपुरी में रहने वाले इत्र व्यापारी पीयूष जैन के फैक्ट्री और घर पर दो साल पहले छापेमारी हुई थी। इस छापेमारी में टीम को 193 करोड़ रुपए कैश और 23 किलो सोना मिला था। उस वक्त इस छापेमारी को लेकर उस वक्त प्रदेश में जमकर राजनीति हुई थी। समाजवादी पार्टी ने इसे सरकार और भारतीय जनता पार्टी के साथ पीयूष जैन का साठ-गांठ बताया था। लेकिन हम आपको यह सब आज क्यों बता रहे हैं? इसके पीछे कारण है कि अब इस मामले में बड़ा अपडेट आया है।
आपको बता दें कि दिसंबर 2021 में कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर व कन्नौज स्थित ठिकानों पर की गई छापेमारी हुई थी। छापेमारी में देश की सबसे बड़ी बरामदगी हुई थी। पीयूष जैन के घर पर छापेमारी में अहमदाबाद की डीजीजीआई की टीम को 197 करोड़ कैश, 600 किलो चंदन का तेल और 23 किलो सोना मिला था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीयूष के घर से मिले 193 करोड़ रुपए को देखकर अधिकारी चौंक गए थे। जैन के पास से बरामद हुए कैश को भारत सरकार के नाम एफडी करवा दिया गया था। वहीं, सोने को कस्टम विभाग ने जब्त कर भारत सरकार के खजाने में जमा करा दिया था।

इत्र कारोबारी के घर और फैक्ट्री से मिले 23 किलो सोने की मार्केट वैल्यू करीब 11 करोड़ 37 लाख 35 हजार है। सोने के टैक्स चोरी को लेकर कस्टम विभाग की तरफ से पीयूष जैन पर 60 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। इसमें 30 लाख रुपए का जुर्माना पीयूष जैन पर जबकि 30 लाख रुपये का जुर्माना उनकी कंपनी पर लगाया गया है।

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