देशभर में कोरोना तेजी से फैल रहा है। राजधानी दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल और कई अन्य राज्यों के आंकड़े टेंशन देने वाले हैं। बुधवार को राजधानी दिल्ली में ही कोविड के 1767 नए मामले सामने आए थे और 6 मरीजों की मौत हो गई। महाराष्ट्र में बुधवार को 1100 मामले मिले और चार मरीजों की मौत हो गई। इस स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई।

पीएमओ द्वारा जारी बयान के मुताबिक इस बैठक में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर, ल़जिस्टिक, दवाइयां, वैक्सिनेशन कैंपेन को लेकर चर्चा हुई। इसके अलावा कोविड की रोकथाम के लिए उठाए जाने वाले जरूरी कदमों पर बातचीत की गई। पीएमओ ने बताया, डॉ. पीके मिश्रा ने पांच स्तरीय रणनीत पर जोर देते हुए कहा कि टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-वैक्सिनेशन और सावधानी के जरिए आगे कदम बढ़ाना होगा। लोगों को एक बार फिर जरूरी नियमों का पालन करने के लिए जागरूक करना पड़ेगा।

बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग के सचिव राजेश भूषण ने कोरोना को लेकर वैश्विक परिदृश्य सामने रखा। उन्होंने कहा कि भारत में तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और आठ राज्यों में ज्यादातर मामले सामने आ रहे हैं। इनमें केरल, दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और राजस्थान शामिल हैं। बताया गया कि 92 फीसदी मरीज होम आइसोलेशन में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद देश स्तर पर तैयारियों की मॉकड्रिल की गई थी। इसके अलावा वैक्सिनेशन, दवाइयों और इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर  बजट की भी समीक्षा की गई।

स्वास्थ्य सचिव ने यह भी कहा कि राज्यों को कहा गया है कि वे सीधे मैन्युफैक्चरर से संपर्क करके कोविड वैक्सीन की व्यवस्था करें और इसके लिए केंद्र से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। प्राइवेट अस्पाताल भी सीधे निर्माता से ही  वैक्सीन खरीद सकते हैं। डॉ. पीके मिश्रा ने कहा कि हॉटस्पॉट की पहचान करने और टेस्टिंग को बढ़ाने पर जोर देना होगा। इस मीटिंग में कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा, नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पॉल, वित्त सचिव टीवी सोमनाथन और अन्य कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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