चिलुआताल इलाके के पीडब्ल्यूडी के एक ठेकेदार के साथ ऑनलाइन 26 लाख की जालसाजी का मामला सामने आया है। ठेकेदार सोशल मीडिया प्लेटफार्म से खुद को शेयर मार्केट का दलाल बताने वाले व्यक्ति के संपर्क में आए।
शुरू में रुपये लगाने पर फायदा हुआ। अधिक कमाने के चक्कर में 26 लाख रुपये लगा दिए। इसके बाद जालसाज ने जब बातचीत करनी छोड़ दी तब ठगी की जानकारी हुई। साइबर थाने की पुलिस ने बताया कि तहरीर मिली है, जांच कर एफआईआर लिखी जाएगी।
चिलुआताल के अरविंद पीडब्ल्यूडी समेत कई विभागों में ठेकेदारी करते हैं। उन्होंने बताया कि फेसबुक पर एक विज्ञापन देखा, उस पर शेयर मार्केट में रुपये लगाने पर फायदे की बात लिखी थी। विज्ञापन के जरिए एक एजेंट से फोन से बात हुई। उसने एक व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा। ठकेदार ने बताया कि छह मई को एजेंट के कहने पर चार लाख रुपये अकाउंट में भेजे। इसके बदले कुछ फायदा हुआ। इससे विश्वास बढ़ता गया। एजेंट ने बताया कि हमारा एक एप है, उसके जरिए रुपये लगाएंगे तो एक दिन में दो से तीन लाख रुपये तक का फायदा हो सकता है।
ठेकेदार ने बताया कि एजेंट के कहने पर एक्सकॉर्ट सिक्योरिटी एप मोबाइल पर डाउनलोड किया। इसके बाद रुपये लगाने पर अच्छा मुनाफा भी मिला। अधिक रुपये के चक्कर में 26 लाख रुपये तक उनके अकाउंट में भेज दिए। रुपये वापस मांगने पर एजेंट ने बात करना छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि सबसे पहले इसकी शिकायत साइबर क्राइम थाने की वेबसाइट पर की। इसके बाद शुक्रवार को साइबर थाने जाकर तहरीर दी है।
साइबर थाने के दरोगा ने बताया कि तहरीर के आधार जांच शुरू कर दी गई है। प्रयास किया जा रहा है कि जिस अकाउंट में रुपये भेजे गए हैं, उसे फ्रीज कर वापस दिलाया जा सके।
साइबर थाने के दरोगा ने बताया कि तहरीर के आधार जांच शुरू कर दी गई है। प्रयास किया जा रहा है कि जिस अकाउंट में रुपये भेजे गए हैं, उसे फ्रीज कर वापस दिलाया जा सके।