लखनऊ। पशुओं पर क्रूरता करने वालों के खिलाफ पशु पालन विभाग सख्ती से निपटेगा। जो 4 कार्रवाई करने के लिए सभी जिलों में सोसाइटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनीमल (एसपीसीए) का गठन करने जा रहा है। जिसकी प्रक्रिया राजधानी में शुरू हो गई पांच पशु है। इस कमेटी में पांच प्रेमियों को सदस्य के रूप में रखा जाएगा। जो क्षेत्रों में निगरानी करेंगे और अत्याचार करते पाया तो पुलिस व प्रशासन के माध्यम से पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत जुर्माना व एफआईआर कराएंगे।

एसपीसीए गठन का अध्यादेश 2010 में लागू हुआ था। लेकिन प्रदेश में पालन नहीं हुआ। कमेटी के जिलाधिकारी अध्यक्ष, पुलिस अधीक्षक/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उपाध्यक्ष व वन अधिकारी, नगर आयुक्त/ अधिशासी अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत व पांच पशु प्रेमी सदस्य होंगे। इसमें तीन पशु प्रेमी जिलाधिकारी व दो राज्य सरकार नामित करेगी।

किसी पशु का करतब दिखाना, किसी वाहन में ठूसकर ले जाना, सामान लादकर बिक्री करना, इंजेक्शन लगाकर दूध निकालना, भोजन व पानी न देना, आश्रय या पशु चिकित्सा देखभाल से वंचित रखना, अत्याचार करना, अपंग बनाना, मारना व निर्मम हत्या जो जघन्य अपराध के अंतर्गत आता है। जिसमें संबंधित व्यक्ति को तीन साल का कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। यदि अपराध दोहराया तो सात साल की सजा और 25 हजार आर्थिक दंड लगाया जाता है।

इन अत्याचार पर भी रखी जाएगी नजर-

  • अनावश्यक दर्द पहुंचाना या पीड़ा देना।
  • वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए प्रयोग करना।
  • क्षमता से ज्यादा सामान लादना।
  •  क्षमता से अधिक काम लेना।
  • धूप में या फिर बराबर खड़ा रखना।
  • बीमारी पर उपचार न करना।
  • काम कराने के दौरान मारना।

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