स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने भारत को दूसरा टी20 विश्व कप दिलाने में सूत्रधार की भूमिका निभाने के बाद यह कहकर टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया कि अब नयी पीढी के बागडोर संभालने का समय है।
कोहली ने 59 गेंद में दो छक्कों और छह चौकों की मदद से 76 रन बनाये और दक्षिण अफ्रीका पर फाइनल में सात रन से मिली जीत में प्लेयर आफ द मैच रहे।
पुरस्कार लेने के बाद उन्होंने कहा कि यह उनका आखिरी टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच था।
उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा आखिरी टी20 विश्व कप है। हम इसे जीतना चाहते थे। यह अद्भुत खेल हैं। जब हम बल्लेबाजी करने उतरे तो मैं रोहित से कह रहा था कि एक दिन आपको ऐसा लगता है कि आप रन नहीं बना पा रहे और ऐसा होता है। ईश्वर महान है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं कृतज्ञता से सिर झुकाता हूं। मैं शुक्रगुजार हूं कि जिस दिन सबसे ज्यादा जरूरी था, मैं टीम के लिये योगदान दे सका।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब अगली पीढी के बागडोर संभालने का समय है। अगला टी20 विश्व कप दो सारल बाद है। भारत में कुछ शानदार खिलाड़ी हैं और टी20 प्रारूप में वह टीम को आगे ले जायेंगे और उसी तरह से शानदार प्रदर्शन करेंगे जैसे आईपीएल में करते देखा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इसमें कोई शक नहीं कि वे देश का परचम लहरायेंगे और यहां से टीम को आगे ले जायेंगे।’’
भारत के लिये 125 टी20 मैचों में कोहली ने 48 . 69 की औसत से 4188 रन बनाये हैं। उन्होंने एकमात्र शतक अफगानिस्तान के खिलाफ सितंबर 2022 में लगाया था।
कोहली ने आज की पारी के बारे में कहा, ‘‘यह अभी नहीं तो कभी नहीं वाली स्थिति थी। यह भारत के लिये मेरा आखिरी टी20 मैच था। आखिरी टी20 विश्व कप भी। हम आईसीसी टूर्नामेंट जीतना चाहते थे।’’
यह पूछने पर कि क्या वह इस प्रारूप से संन्यास की आधिकारिक घोषणा कर रहे हैं, उन्होंने कहा, ‘‘बिल्कुल। यह कोई राज नहीं था। अगर हम हार भी जाते तो भी मैं ऐसा ही करता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने आईसीसी टूर्नामेंट जीतने के लिये लंबा इंतजार किया है। मैं अकेला नहीं था। रोहित को देखो जिसने नौ टी20 विश्व कप खेले हैं। मेरा यह छठा था। वह इस जीत का हकदार था।’’
कोहली ने स्वीकार किया कि ग्रुप चरण और सुपर आठ में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने के कारण उनमें आत्मविश्वास की कमी आ गई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बताना मुश्किल है। इस मैच के बाद मुझे कैसा लग रहा है। मुझे पता है कि क्या हालात थे। पिछले कुछ मैचों में इतना आत्मविश्वास नहीं था और अच्छा नहीं लग रहा था। लेकिन जब ईश्वर की कृपा होती है तो वह ऐसे रास्ते बताते हैं जिनकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते।’’