मुजफ्फरनगर। चुनाव शुरू होते ही यूपी पुलिस रोज ‘धरपकड़ अभियान’ चलाती है,मानों इन अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए चुनाव के मुहूर्त का ही इंतजार करती है, आज मेरठ जोन के एडीजी मुजफ्फरनगर में आए हुए थे, उनके सामने मुजफ्फरनगर पुलिस को अपनी कलाकारी दिखानी थी ,तो एक अवैध तमंचा फैक्ट्री पकड़ ली गई।

पुलिस का दावा है कि रतनपुरी क्षेत्र के चंदसीना गांव में एक घर में हथियार बनाने की फैक्ट्री चल रही थी जिसमें भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं, पुलिस ने अपना गुडवर्क तो बताया है, लेकिन यह नहीं बताया कि इस एरिया के  जिम्मेदार चौकी इंचार्ज और उस गांव की बीट से जुड़े सिपाही के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई, जिनकी खुफिया विफलता के कारण लंबे समय से हथियारों की फैक्ट्री चल रही थी। 

पुलिस की कहानी के मुताबिक पकडे गए बदमाश के पास से 200 से भी ज़्यादा इस्तेमाल और जिन्दा कारतूस भी बरामद हुए है, पुलिस ने ये नहीं बताया कि पकडे गए बदमाश के पास सैंकड़ों कारतूस आये कहाँ से है ? और जो इस्तेमाल बरामद किये है , वो उसने कहाँ इस्तेमाल किये है ?

नगर निकाय चुनाव की तैयारी के बीच मुज़फ्फरनगर पुलिस ने एक अवैध हथियार बनाने वाली फैक्ट्री के भंडाफोड का

दावा किया है, पुलिस का दावा है कि वहां से भारी मात्रा मे अवैध हथियारों का जखीरा बरामद हुआ है। इसके साथ ही पुलिस ने अवैध हथियार बना रहे बदमाश को पकडने का भी दावा किया है।

एसपी देहात अतुल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि निकाय चुनाव के मद्देनजर पुलिस शातिर बदमाशों पर शिकंजा कस रही है। इसी क्रम में थाना रतनपुरी पुलिस ने गांव चंदसीना में एक घर में अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री संचालित होते पकड़ी। एसपी देहात ने बताया कि मौके से भारी मात्रा में बने अवैध हथियार बरामद किए गए हैं। हथियार बनाने में प्रयोग किए जाने वाले उपकरण भी बरामद हुए हैं।

उन्होंने बताया कि गांव चंदसीना से शमीम पुत्र मुस्तकीम निवासी चंदसीना थाना रतनपुरी को गिरफ्तार किया गया है। वह

अपने घर में ही अवैध शस्त्र फैक्ट्री का संचालन कर रहा था। पुलिस ने बताया कि बदमाश के पास से 6 तमंचे 12 बोर, 2 तमंचे 315 बोर और 3 देशी बन्दूक 12 बोर तथा 2 जिन्दा कारतूस 315 बोर, 2 जिन्दा कारतूस 12 बोर बरामद हुए हैं।

उन्होंने बताया कि इनके अलावा 212 खोखा कारतूस 12 बोर व 1 खोखा कारतूस 315 बोर, 1 नाल 315 बोर भी बरामद हुए। इनके अलावा अवैध हथियार बनाने में प्रयोग होने वाले उपकरण भी भारी मात्रा में बरामद हुए। पुलिस  बदमाश को गिरफ्तार कर जेल भेज कर उसके अपराधिक इतिहास को खंगाल रही है।

पुलिस की कहानी के मुताबिक पकड़े गए बदमाश के पास के कई सो कारतूस बरामद हुए हैं कारतूस किसी ना किसी पंजीकृत आर्म्स डीलर से ही खरीदे जा सकते हैं, आज तक पुलिस ने कभी भी अपनी कहानी में यह नहीं बताया कि सैकड़ों बरामद जिन्दा और इस्तेमाल कारतूस पकड़े गए बदमाश को कहां से मिले हैं ?, यह बदमाश क्या किसी बड़े  आर्म्स डीलर या किसी बड़े अपराधी के संपर्क में है ?

एसएसपी संजीव सुमन से अपेक्षा है कि  मुजफ्फरनगर की शांति व्यवस्था के हित में इसकी जांच अवश्य कराएं कि आखिर सैकड़ों की संख्या में कारतूस कहां से आए  ? और क्या इस फैक्ट्री में जिसमें दर्जनों हथियार बरामद हुए हैं, क्या किसी पुलिसकर्मी की मिलीभगत से तो यह फैक्ट्री नहीं चल रही थी ?

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