प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 28 मई को नई संसद संसद भवन के उद्घाटन पर चल रहे सियासी रार में विपक्षी दलों को एक बड़ा झटका लगा है। संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किए जाने को अंसवैधानिक बताते हुए विपक्षी दल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इसका उद्घाटन कराने की मांग कर रहे हैं। इस मांग में कांग्रेस के साथ-साथ 19 विपक्षी दलों ने संयुक्त बयान भी जारी किया है। लेकिन इस विपक्षी एकजुटता को बुधवार शाम तक बड़ा झटका लगा जब ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी ने इस मुद्दे पर अपना स्टैंड क्लियर करते हुए कहा कि वो इस उद्घाटन समारोह में शामिल होगा। बीजू जनता दल ने पत्र जारी कर कहा कि पार्टी उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लेगी। इनके अलावा SAD और आंध्र CM की पार्टी ने भी समारोह में शामिल होने की सहमति दी है।

बीजू जनता दल ने अपने पत्र में क्या कहा

बुधवार शाम बीजेडी की ओर से जारी पत्र में कहा गया कि भारत की राष्ट्रपति देश की प्रमुख हैं। संसद भारत के 1.4 अरब लोगों का प्रतिनिधित्व करती है। दोनों संस्थान भारतीय लोकतंत्र के प्रतीक हैं और भारत के संविधान से अपना अधिकार प्राप्त करते हैं। पार्टी ने आगे कहा कि उनके अधिकार और कद की हमेशा रक्षा होनी चाहिए।

इस मुद्दे पर बाद में बहस होना चाहिएः बीजेडी

बीजेडी ने आगे कहा कि पार्टी का मानना है कि ये संवैधानिक संस्थाएं किसी भी मुद्दे से ऊपर होनी चाहिए। जो उनकी पवित्रता और सम्मान को प्रभावित कर सकता है। इस तरह के मुद्दों पर बाद में हमेशा बहस हो सकती है। इसलिए बीजेडी इस महत्वपूर्ण अवसर का हिस्सा होगी। बीजेडी का इस उद्घाटन समारोह में शामिल विपक्षी दलों के बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अधिकार मुद्दे पर उन्हीं के गृह राज्य की पार्टी विपक्षी दलों से अलग राय रख रही है।

28 मई को उद्घाटन करने वाले हैं पीएम मोदी

मालूम हो कि पीएम नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। उद्घाटन समारोह के लिए सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया है। लेकिन इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नई संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराने की मांग की है। राहुल की मांग को कांग्रेस सहित 19 विपक्षी दलों ने इस समर्थन दिया।


राष्ट्रपति का घोर अपमान बता विपक्षी दलों का बहिष्कार

विपक्ष के 19 दलों ने एक संयुक्त बयान में आरोप लगाया कि राष्ट्रपति मुर्मू को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए, नए संसद भवन का उद्घाटन करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्णय न केवल राष्ट्रपति का घोर अपमान है, बल्कि हमारे लोकतंत्र पर सीधा हमला है। हालांकि कई विपक्षी दलों ने समारोह में हिस्सा लेने का एलान भी किया है। लेकिन अब नवीन पटनायक द्वारा इस समारोह में शामिल होना विपक्षी एकजुटता को कमजोर करने वाला है।

अकाली दल और आंध्र सीएम ने भी भरी हामी

बीजू जनता दल के अलावा बुधवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने भी नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने की बात कही है। साथ आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी की पार्टी ने भी इस समारोह में शिरकत करने की हामी भरी है। अब देखना है कि उद्घाटन समारोह नजदीक आते-आते और कौन-कौन से विपक्षी दल समारोह में शामिल होते हैं?

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