उत्तर प्रदेश में बरेली की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का पुतला फूंकने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री धर्मपाल सिंह को दोष मुक्त करार दिया है। विशेष न्यायालय एमएलए एमपी ने मंगलवार शाम कैबिनेट मंत्री के खिलाफ चल रहे केस पर फैसला सुनाते हुए उन्हें दोष मुक्त कर दिया है। उन पर बसपा सरकार 2010 में मुकदमा लिखा गया था।
मिली जानकारी के मुताबिक, विशेष लोक अभियोजक एमएलए एमपी कोर्ट अचिंत द्विवेदी ने बताया कि तत्कालीन विधायक धर्मपाल सिंह, सचिन और ओमकार के खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया गया। प्रकरण में तीन अभियुक्तों में से अभियुक्त ओमकार की मौत हो चुकी है। शासन ने 29 अगस्त 2023 को अभियोग को वापस लेने का निर्णय लिया। उन्होंने धारा 321 सीआरपीसी के तहत विशेष न्यायालय एमएलए एमपी कोर्ट में केस खत्म करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। प्रार्थना पत्र कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। फैसले में कहा गया कि वाद को लंबित रखने का कोई औचित्य शेष नहीं रह गया है।
अलीगंज के ग्राम गैनी शिवनगर निवासी ओमपाल ने दर्ज कराए गए मुकदमे में बताया था कि 2 जून 2010 दिन बुधवार समय करीब 3 बजे गैनी शिवनगर गांव में विधायक धर्मपाल सिंह जनसभा करने आए थे। गांव के काफी लोग मौजूद थे। विधायक के इशारे पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती का पुतला बनाया गया। यह पुतला सचिन, सूर्य प्रकाश शर्मा, ओमकार वर्मा ने विधायक के कहने पर सचिन व ओमकार ने पुतले में आग लगा दी। भूपराम ने मना किया, लेकिन यह लोग नहीं माने। जब वह मौके पर पहुंचे तब तक पुतला जला दिया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था।