नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मणिपुर मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर बरसे। उन्होंने तंज कसा कि पिछले नौ साल में जब जब भी देश पर आपदा आई है, प्रधानमंत्री चुप होकर बैठ गए। उन्होंने भाजपा विधायकों के यह कहने कि मणिपुर से उनका कोई लेना देना नहीं है, पर भी कहा कि भाजपा की ऊपर से नीचे तक यही सोच है।
केजरीवाल ने मणिपुर पर विशेष चर्चा के दौरान कहा कि असली दोस्त वही होता है, जो मुसीबत में काम आए। जब मणिपुर जल रहा था, लोग मर रहे थे, लोगों के घर जलाए जा रहे थे, तब प्रधानमंत्री अपने कमरे अंदर कुंडी मारकर बैठ गए। पूरा देश स्तब्ध है और पूछ रहा है कि प्रधानमंत्री की चुप्पी का कारण क्या है? प्रधानमंत्री मणिपुर को लेकर न कुछ कर रहे हैं और न कुछ बोल रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं है। प्रधानमंत्री कम से कम मणिपुर में शांति की अपील ही कर देते लेकिन वो शांति की अपील तक नहीं करते हैं।
उन्होंने चीन के मुद्दे व महिला पहलवानों के आंदोलन को लेकर भी प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये लोग पानी पी-पीकर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू को गालियां देते हैं। पंडित नेहरू ने कम से कम चीन की आंखों में आंखें डालकर उसके साथ युद्ध तो किया था। इन्होंने तो चीन के सामने देश को सरेंडर कर दिया।
केजरीवाल ने सीएजी की रिपोर्ट की चर्चा करते हुए कहा कि 18 करोड रुपए प्रति किमी में बनने वाली सड़क को 250 करोड़ रुपए प्रति किमी की लागत से बनाई गई। इस पर भी प्रधानमंत्री चुप रहे। इसलिए अब पूरे देश में चर्चा हो रही है कि क्या मोदी एक कमजोर, अहंकारी और भ्रष्ट प्रधानमंत्री है? उन्होंने मोदी से मणिपुर को सम्भालने और इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करने की अपील की।