नई दिल्लीः लगभग 23 करोड़ लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को हर महीने के आखिरी रविवार को सुनते हैं, जिसमें 65 प्रतिशत श्रोता हिंदी में उनकी बात सुनना पसंद करते हैं। भारतीय प्रबंधन संस्थान-रोहतक द्वारा किए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई। मन की बात की 100वीं कड़ी का प्रसारण इस रविवार को किया जाएगा। सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम मोबाइल फोन के बाद टेलीविजन चैनलों पर अधिक सुना जाता है, जिसमें रेडियो श्रोताओं की संख्या कुल श्रोताओं का 17.6 प्रतिशत है। इसमें पाया गया कि 100 करोड़ से अधिक लोगों ने कम से कम एक बार कार्यक्रम को सुना है, जबकि लगभग 41 करोड़ सामयिक श्रोता थे।
आईआईएम-रोहतक के निदेशक धीरज पी. शर्मा ने सोमवार को यहां संवाददाताओं को बताया, “कुल श्रोताओं में से 44.7 प्रतिशत टेलीविजन सेट पर कार्यक्रम सुनते हैं, जबकि 37.6 प्रतिशत मोबाइल फोन पर इसे सुनते हैं।” प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी ने कहा कि 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा, ‘मन की बात’ फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली जैसी 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित किया जाता है। द्विवेदी ने कहा कि कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी के 500 से अधिक केंद्रों द्वारा किया जा रहा है।
आईआईएम-रोहतक के छात्रों द्वारा किए गए सर्वेक्षण में चार क्षेत्रों – उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम – और विभिन्न आयु समूहों में 10,003 उत्तरदाताओं से संपर्क किया गया, जिनमें से अधिकांश स्व-रोजगार और अनौपचारिक क्षेत्र से जुड़े थे। सर्वेक्षण में पाया गया कि 18 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कार्यक्रम को अंग्रेजी में, चार प्रतिशत ने उर्दू में, और दो प्रतिशत डोगरी और तमिल में सुनना पसंद किया। इसमें पाया गया कि अन्य भाषाओं जैसे मिज़ो, मैथिली, असमिया, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया, गुजराती और बंगाली के श्रोताओं की हिस्सेदारी कुल श्रोताओं की नौ प्रतिशत थी।
सर्वेक्षण में पाया गया कि 73 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने सरकार के कामकाज और देश की प्रगति के बारे में आशावादी महसूस किया, जबकि 58 प्रतिशत ने कहा कि उनके जीवनस्तर में सुधार हुआ है। कम से कम 59 प्रतिशत ने सरकार में भरोसा बढ़ने की जानकारी दी। सर्वेक्षण के अनुसार, सरकार के प्रति आम धारणा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 63 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि सरकार के प्रति उनका दृष्टिकोण सकारात्मक हो गया है और 60 प्रतिशत ने राष्ट्र निर्माण के लिए काम करने में रुचि दिखाई। सर्वेक्षण में पाया गया कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम के सबसे लोकप्रिय विषय भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियां, आम नागरिकों की कहानियां, सशस्त्र बलों की वीरता, युवाओं, पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन से जुड़े मुद्दे थे।