दुनियाभर में डायबिटीज (मधुमेह) महामारी की तरह पैर पसार रही है। लैंसेट जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक 30 साल बाद दुनिया में डायबिटीज के मरीजों की संख्या आज के मुकाबले दोगुना हो जाएगी, क्योंकि डायबिटीज की दर में कमी के आसार नहीं हैं। इस हिसाब से 2050 तक दुनियाभर में करीब 130 करोड़ लोग डायबिटीज से पीडि़त होंगे। यह उस वक्त की आबादी का 13.4 फीसदी होगा। फिलहाल दुनिया की आबादी का 6.7 फीसदी (करीब 52.9 करोड़) इस बीमारी की गिरफ्त में है।

शोध में पाया गया कि जागरूकता अभियानों और बहुराष्ट्रीय स्तर पर चल रहे प्रयासों के बावजूद डायबिटीज व्यापक रूप से बढ़ रही है। यह इतनी तेजी से फैल रही है कि इसने विश्व स्तर पर ज्यादातर बीमारियों को पीछे छोड़ दिया है। एक अनुमान के मुताबिक 2045 तक डायबिटीज से पीडि़त तीन-चौथाई से ज्यादा वयस्क निम्न और मध्यम आय वाले देशों से होंगे।

शोधकर्ताओं के मुताबिक कोविड-19 महामारी ने विश्व स्तर पर डायबिटीज में असमानता को बढ़ा दिया है। जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लोगों में गंभीर संक्रमण की आशंका विकसित देशों की तुलना में 50 फीसदी ज्यादा है।
लैंसेट के मुताबिक भारत में 10.1 करोड़ से ज्यादा लोगों को डायबिटीज है। पिछले चार साल में इस बीमारी के मरीजों में तेजी से उछाल देखा गया। डायबिटीज के मामले बढऩे का एक कारण अनहेल्दी खान-पान है।

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