विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि दुनिया अमेरिका और चीन के बीच कई क्षेत्रों में और कड़ी प्रतिस्पर्धा देख रही है। उन्होंने कहा कि भारत विशिष्ट एजेंडे पर समान विचारधारा वाले साझेदारों के साथ काम करने को तैयार है और ‘क्वाड’ समूह में भारत की भूमिका इस तरह के दृष्टिकोण का एक उदाहरण है।

‘एफपीसीआई ग्लोबल टाउन हॉल’ में वर्चुअल संबोधन के दौरान जयशंकर ने प्रमुख भू-राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा करते हुए कहा कि दुनिया कई क्षेत्रों में अमेरिका और चीन के बीच और ‘‘कड़ी प्रतिस्पर्धा’’ देख रही है।

भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान की सदस्यता वाला ‘क्वाड’ एक प्रमुख गठबंधन के रूप में उभरा है, जो क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र, खुला और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

पिछले कुछ दशकों में अंतरराष्ट्रीय संबंधों से जुड़े प्रमुख घटनाक्रम के संदर्भ में, विदेश मंत्री ने कहा कि कई बड़ी शक्तियां अब कुछ नहीं करके भी संतुष्ट हैं जबकि नई शक्तियां आगे बढ़ने में अधिक संकोच कर रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कई स्थितियों में, क्षेत्रीय रूप से महत्वपूर्ण शक्तियों को अपनी समस्याएं खुद ही सुलझाने के लिए छोड़ दिया जाता है। इसके अलावा, हम कई क्षेत्रों में अमेरिका और चीन के बीच और कड़ी प्रतिस्पर्धा देख रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम इस बात को भी ध्यान में रखें कि एआई, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, अंतरिक्ष या ड्रोन जैसी प्रौद्योगिकी की प्रगति (अंतरराष्ट्रीय स्तर पर) शक्ति संतुलन को अधिक मजबूती से आकार दे सकती हैं, तो वैश्विक गणित और भी अधिक कठिन दिखाई देता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संक्षेप में, यह वह विश्व है जिससे हमारा सामना होता है।

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