दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित आबकारी घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल को जारी समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जवाब मांगा। न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने आपराधिक मामले में मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार किया और कहा कि केजरीवाल ने निचली अदालत के जिस आदेश को चुनौती दी है, वह दो महीने पुराना है न कि कोई नया आदेश है।

उच्च न्यायालय ने उस याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया, जिसमें मामले में एजेंसी द्वारा दर्ज शिकायत पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री को जारी समन को चुनौती दी गई है।

केजरीवाल के वकील ने इस आधार पर शिकायत के गुण-दोष पर सवाल उठाया कि समन एक अधिकारी द्वारा जारी किया गया था, जबकि शिकायत किसी अन्य अधिकारी द्वारा दर्ज करायी गयी थी।

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने एक सत्र अदालत के 17 सितंबर के आदेश को चुनौती दी है जिसमें समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी गयी थी।

ईडी के वकील ने याचिका के गुण-दोष पर प्रारंभिक आपत्ति जतायी।

केजरीवाल ईडी की शिकायत पर उन्हें पेश होने का निर्देश देने वाली एक मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ सत्र अदालत गए थे।

केजरीवाल ने, उन्हें जारी किए गए समन से बचने के लिए ईडी द्वारा दायर दो शिकायतों पर संज्ञान लेने के बाद मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती दी थी।

ईडी ने मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष शिकायतें दायर की थीं और अनुरोध किया था कि दिल्ली की अब रद्द की जा चुकी आबकारी नीति से जुड़े मामले में जारी किए गए कई समन को नजरअंदाज करने के लिए केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए।

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