केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए अध्यादेश लेकर आई है। इस अध्यादेश के जरिए केंद्र ने ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार उपराज्यपाल को दे दिए हैं। इस पर अब आम आदमी पार्टी बीजेपी पर हमलावर हो गई है। दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट द्धारा दिल्ली को दिए गए संवैधानिक अधिकार छीनने का प्रयास है।

आतिशी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब दिल्ली में आप सरकार पहली बार चुनकर आई थी, उसके बाद मई 2015 में केंद्र सरकार ने ऐसा ही प्रयास किया था और अधिकारियों के ट्रांसफ़र पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली से छीन लिया गया था। आठ साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो ग़ैर संवैधानिक था। तीन सिद्धांतों की बात सुप्रीम कोर्ट ने कही थी।

फ़ेडरल स्ट्रक्चर, लोकतंत्र का अधिकार, अफ़सरों की चुनी हुई सरकार के प्रति जवाबदेही। कोर्ट के निर्देश के बाद मतलब हुआ कि अगर जनता ने अरविंद केजरीवाल को चुना है, तो निर्णय लेने का अधिकार केजरीवाल सरकार को है, तीन विषयों को छोड़कर। लेकिन मोदी सरकार को यह सहन नहीं हुआ कि अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने ताकत दे दी। मोदी जी को डरावने सपने आने लगे।

इनको लगने लगा कि केजरीवाल 10 गुना स्पीड से काम करेगा। इसलिए मोदी जी ने उसका तरीका निकाला। मोदी जी ने सोचा कुछ दिन के लिये दिल्ली सरकार के काम को रोका जा सके। कल देर रात चुपके से चोर दरवाज़े से गैरसंवैधानिक अध्यादेश लेकर आ गए। उनको पता था कि सुप्रीम कोर्ट के 6 हफ़्तों की छुट्टी हो गई है। इसलिये वो कल रात को ये लेकर आए। इससे पहले इसलिए नहीं लाये क्योंकि उनको पता था कि हम कोर्ट पंहुच जाएंगे। इसलिए ये तब लाया गया जब कोर्ट की 6 हफ़्तों की छुट्टी हो गई।

गौरतलब है कि, केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए शुक्रवार को अध्यादेश लेकर आई है। इस अध्यादेश के जरिए केंद्र ने ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार उपराज्यपाल को दे दिए हैं। इस अध्यादेश के जरिए केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण का गठन करेगी, जो दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजिलेंस का काम करेगी। इसके तीन सदस्य होंगे, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री के अलावा मुख्य सचिव और गृह सचिव होंगे। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में यह समिति अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का फैसला बहुमत के आधार पर करेगी। लेकिन आखिरी फैसला उपराज्यपाल का होगा।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights