पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अपराध के ग्राफ में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसे लेकर दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा था। इसे रोकने के लिए बहुत जल्द यहां गुजरात का ‘कानून’ लागू होने वाला है। दिल्ली के LG विनय कुमार सक्सेन ने Prevention Of Anti Social Activities Act(PASAA) 1985 को राष्ट्रीय राजधानी में तत्काल लागू करने की सिफारिश की है। इस संबंध में गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया है। आइये जानते हैं ये कानून क्या है और इसमें क्या-क्या प्रावधान किये गए हैं?
दिल्ली में कानून व्यवस्था को चौकस रखने के लिए, असामाजिक और आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए, नशीली और बैन दवाओं के अपराध को पूरी तरह से रोकने के लिए , अनैतिक यातायात अपराधियों और बाहुबल से संपत्ति हड़पने वालों पर कार्रवाई करने के लिए यह कानून मददगार साबित होगा।
दिल्ली के होम डिपार्टमेंट ने 27 जून को गुजरात कानून को दिल्ली के NCT तक विस्तारित करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश (कानून) अधिनियम की धारा-2 के तहत अधिसूचना जारी करने के लिए LG को प्रस्ताव पेश किया था। अब LG ने इसे मंजूरी देते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय को दे दिया है। अगर यहां से इस प्रस्ताव को गृहमंत्री अमित शाह की मंजूरी मिल जाती है तो दिल्ली में ये कानून लागू हो जायेगा।
बता दें कि बेलगाम अपराध को कमी करने में नाकाम दिल्ली पुलिस ने 14 फरवरी को एक पत्र लिखकर यह गुजारिश की थी कि दिल्ली के लिए भी गुजरात अधिनियम के प्रावधानों की जांच की जाए। इस कानून के तहत सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए खतरनाक अपराधियों, अवैध शराब बेचने वालों, नशीले दवाओं के तस्करों को, ट्रैफिक कानून को तोड़ने वाले और जबरन संपत्ति हड़पने वालों को सूचना मिलने पर हिरासत में लेने का प्रावधान किया गया है।
बताते चलें कि गुजरात का PASAA कानून जब से लागू हुआ है तभी से चर्चाओं में बना रहा है। राज्य के राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने इस कानून का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए गुजरात सरकार पर कई बार सवाल उठाए हैं। अदालत की ओर से भी इस कानून को लेकर फटकार लगाई जा चुकी है। पिछली बार ये कानून तब चर्चा में रहा था जब एक डॉक्टर को इस कानून के तहत हिरासत में लिया गया था।
बता दें कि अगर यह कानून दिल्ली के लिए पारित हो जाता है, तो दिल्ली पुलिस को भी अपराधियों से निपटने के लिए और ज्यादा ताकत मिलेगी। साथ ही उम्मीद यह भी जताई जा रही है कि दिल्ली पुलिस को इसके सहायता से चेन छिनने, अवैध दवाओं की तस्करी और हथियार की तस्करी जैसे कई अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी।