दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में (सीपीसीबी) के मुताबिक, गुरुवार सुबह 7:15 बजे तक राजधानी दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 389 पर बना हुआ था, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है।
यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है और नागरिकों को विशेष सतर्कता बरतने की चेतावनी दी गई है।
दिल्ली के अलावा, आसपास के शहरों में भी प्रदूषण का स्तर चिंताजनक बना हुआ है। फरीदाबाद में एक्यूआई 237, गुरुग्राम में 328, गाजियाबाद में 290, ग्रेटर नोएडा में 223 और नोएडा में 261 अंक दर्ज किया गया है।
दिल्ली के 12 इलाकों में एक्यूआई 400 से ऊपर पहुंच चुका है, जो बेहद गंभीर श्रेणी में आता है। अलीपुर में 408, आनंद विहार में 405, अशोक विहार में 414, बवाना में 418, द्वारका सेक्टर 8 में 401, जहांगीरपुरी में 435, मुंडका में 413, नेहरू नगर में 411, पंजाबी बाग में 407, रोहिणी में 407, शादीपुर में 412 और वजीरपुर में 436 है।
इसके अलावा, दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई 300 और 400 के बीच बना हुआ है। इन इलाकों में प्रदूषण का स्तर भी चिंताजनक है। आया नगर में 369, चांदनी चौक में 339, मथुरा रोड में 343, डॉ करणी सिंह शूटिंग रेंज में 368, डीटीयू में 360, आईजीआई एयरपोर्ट में 370, दिलशाद गार्डन में 341, आईटीओ में 365, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 354, लोधी रोड में 335, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में 372, महेंद्र मार्ग में 365, नजफगढ़ में 366, नरेला में 395, नॉर्थ कैंपस डीयू में 356, एनएसआईटी द्वारका में 365, ओखला फेस-2 में 389, पटपड़गंज में 381, आर के पुरम में 389, सिरी फोर्ट में 373, सोनिया विहार में 394 और श्री अरविंदो मार्ग का एक्यआई 360 दर्ज किया गया।
बता दें कि राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से सांस लेना दुश्वार हो गया है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए सोमवार से दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण (ग्रैप-4) को लागू कर दिया गया है। ग्रैप-4 लागू किए जाने के बाद वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा कई कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं।
दिल्ली में कारखानों, निर्माण कार्यों, और यातायात पर कड़ी पाबंदियां लगाई गई है। आपको बताते चलें, प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और औसत एक्यूआई 450 को पार कर जाता है तो ग्रैप का चौथा चरण लागू किया जाता है।
ग्रैप-4 लागू होने के बाद प्रतिबंध सबसे ज्यादा और सबसे कड़े होते हैं। राजधानी में ट्रक, लोडर समेत अन्य भारी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत नहीं है।