नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के विशेष शाखा ने उत्तर प्रदेश में उमेश पाल हत्याकांड में वांछित एक व्यक्ति को कथित तौर पर आश्रय देने वाले 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। उमेश पाल 2005 में तत्कालीन बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या का एक प्रमुख गवाह था। अधिकारियों ने बताया कि जावेद, खालिद और जीशान को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन पर उमेश पाल की हत्या के बाद असद की मदद करने और उसे राष्ट्रीय राजधानी में शरण देने का आरोप है। असद गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद का बेटा है। उमेश पाल की हत्या में अहमद के दूसरे बेटे अली का नाम भी सामने आया है।
पुलिस के मुताबिक, आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज एक मामले में गिरफ्तार एक व्यक्ति अवतार सिंह ने खुलासा किया कि उसने खालिद और जीशान को 10 हथियारों की आपूर्ति की थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमने तलाशी अभियान शुरु किया और सूत्रों को तैनात किया। एक गुप्त सूचना के आधार पर, 28 मार्च को खालिद और जीशान को दिल्ली के शेख सराय से गिरफ्तार किया गया। उनके पास से दो हथियार और जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए। जांच के दौरान, दोनों ने खुलासा किया कि उन्होंने उमेश पाल हत्याकांड में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा वांछित असद और गुलाम को शरण दी थी। अधिकारी ने कहा कि इसके बाद जावेद को 31 मार्च को गिरफ्तार किया गया और विशेष प्रकोष्ठ में मामला दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि जावेद ने खुलासा किया कि उमेश पाल की हत्या के बाद असद और गुलाम भी उससे मिले थे। तीनों गिरफ्तार आरोपी जावेद, खालिद, जीशान न्यायिक हिरासत में हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने उमेश पाल की हत्या से जुड़े जालसाजी मामले में अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन और उसके बेटे अली पर भी मामला दर्ज किया है। पुलिस ने एक बयान में कहा कि प्राथमिकी शनिवार को प्रयागराज के धूमनगंज थाने में दर्ज की गई, जिसमें दो और लोगों मोहम्मद साबिर और राकेश उर्फ नाकेश उर्फ लाला को नामजद किया गया है। उमेश पाल और उनके दो पुलिस सुरक्षा गार्डों की 24 फरवरी को धूमनगंज में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी जया पाल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर, 25 फरवरी को अहमद, उनके भाई अशरफ, परवीन, दो बेटों, गुड्डू मुस्लिम और गुलाम और 9 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
आपको बता दें कि 28 मार्च को एक सांसद/विधायक अदालत ने अहमद और दो अन्य को 2006 में उमेश पाल के अपहरण का दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह अहमद की पहली सजा थी, जबकि उसके खिलाफ 100 से अधिक मामले दर्ज हैं। समाजवादी पार्टी के 60 वर्षीय पूर्व सांसद को मामले की सुनवाई के लिए गुजरात की साबरमती जेल से सड़क मार्ग से प्रयागराज लाया गया था। 2006 में, अहमद और उसके सहयोगियों ने उमेश पाल का अपहरण कर लिया और उन्हें अपने पक्ष में अदालत में बयान देने के लिए मजबूर किया। उमेश पाल ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी।