दिल्ली के एक अदालत ने शनिवार को 2020 उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को जमानत दे दी। ताहिर हुसैन को हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने पांच अलग-अलग दंगों के मामलों में जमानत दे दी थी। इस संबंध में दयालपुर थाने में एफआईआर संख्या 88 दर्ज की गई थी।

फिलहाल ताहिर हुसैन अभी भी अपने खिलाफ दर्ज अन्य एफआईआर में न्यायिक हिरासत में रहेंगे, जिसमें यूएपीए मामला भी शामिल है जिसमें दंगों की बड़ी साजिश का आरोप लगाया गया है।

ताहिर हुसैन को जमानत देते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा कि जिन दो एफआईआर में हाई कोर्ट ने जमानत दी, और जो मामला सामने आया, वह निकटतम समय और स्थानों पर हुआ। यह भी नोट किया गया कि सभी एफआईआर में कई गवाह आम हैं।

अदालत ने ताहिर हुसैन को जमानत देते हुए 1,00,000 रुपये की राशि का निजी बांड और इतनी ही राशि की एक जमानत राशि जमा करान का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने ताहिर हुसैन को अदालत की अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि वह मामले के किसी भी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे।

बता दें कि 2020 के दंगों के सिलसिले में ताहिर हुसैन पर कुल 11 एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसमें एक यूएपीए का भी मामला शामिल था। वहीं ताहिर हुसैन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ईसीआईआर भी दर्ज की थी।

पिछले साल नवंबर 2022 में ताहिर हुसैन के खिलाफ कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोप तय भी किए थे। आरोप तय करने के आदेश को ताहिर हुसैन की चुनौती हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी।

बता दें कि नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच दिल्ली में 24 फरवरी 2020 दंगा भड़का था, जिसमें 53 लोगों की मौत हुई थी।

 

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