उत्तर प्रदेश के झांसी से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। जहां पर घरेलू विवाद के चलते एक दरोगा ने अपनी गर्भवती पत्नी को गोली मार दी। उसने अपनी पत्नी पर तीन गोलियां चलाई, जिसमें से दो गोलियां उसके बाएं हाथ में लग गई। गोलियां लगने से पत्नी बुरी तरह घायल हो गई। फिर पड़ोसी के घर शरण लेकर उसने किसी तरह अपनी जान बचाई। इस घटना को अंजाम देकर दरोगा फरार हो गया। पुलिस को मामले की जानकारी दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू की और कुछ घंटों में ही उसे पकड़ लिया।
मिली जानकारी के मुताबिक, बंगरा चौकी प्रभारी शशांक मिश्र ने घरेलू विवाद के चलते गर्भवती पत्नी पर सर्विस रिवाल्वर से दनादन तीन गोलियां दाग दीं। दरअसल, दोनों पति पत्नी में कुछ समय से घरेलू विवाद चल रहा था। शशांक मूल रूप से बांदा का रहने वाला है और उसकी पत्नी शालिनी मूल रूप से मऊरानीपुर ब्लाक के लहचूरा गांव की रहने वाली है। शालिनी के पिता अखिलेंद्र रावत भी पुलिस विभाग में दरोगा हैं। इन दिनों कानपुर देहात में एसपी कार्यालय में उनकी तैनाती है। शालिनी के पिता अखिलेंद्र के मुताबिक दिसंबर 2021 में शादी की थी। शादी के कुछ माह बाद से ही विवाद होने लगा था। शशांक पिता दया प्रसाद मिश्र भी पुलिस विभाग में दरोगा थे लेकिन, वर्ष 2015 में बीमारी के चलते उनकी मृत्यु हो गई। वर्ष 2016 में शशांक की मृतक आश्रित कोटे में भर्ती हुई। ट्रेनिंग से लौटने के बाद वर्ष 2019 से शशांक झांसी के कई थाने एवं चौकियों में तैनात रहे।
शालिनी के परिजनों ने बताया कि शादी के कुछ समय बाद ही दोनों में विवाद होने लगा था। शशांक की मां, उसका भाई अक्सर दहेज के लिए परेशान करते थे। करीब 30 लाख रुपये दहेज में देने के बाद भी सोने की 50 अंगूठी मांगी जा रही थीं। इसी विवाद के चलते शशांक ने शालिनी पर गोलियां चला दी और वह बुरी तरह से घायल हो गई। घायल को मेडिकल कॉलेज के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया। यहां अब उसकी हालत खतरे से बाहर है। वहीं, शालिनी के पिता ने हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। उधर, एसएसपी राजेश एस का कहना है कि मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। जल्द ही रिपोर्ट देने को कहा गया है। उधर, एसएसपी राजेश एस ने आरोपी चौकी प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शशांक मिश्र अपनी पत्नी शालिनी (28) दरोगा पति के सिर पर खून सवार देखकर बुरी तरह सहम उठी थी। दरोगा हाथ में रिवाल्वर लेकर गोलियां दाग रहा था लेकिन, शालिनी ने हिम्मत नहीं हारी। हाथ में कोहनी के ऊपर दो गोलियां लगने से वह खून से लथपथ हो गई। गर्भवती पत्नी को घायल देखकर भी दरोगा शशांक का गुस्सा शांत नहीं हुआ। शालिनी का कहना है कि शशांक के फिर फायर झोंकने पर वह हिम्मत करके बाहर की ओर भागी। बाहर जूते का रैक रखा हुआ था। उसकी आड़ लेने की वजह से वह शशांक को नजर नहीं आई। उसी की आड़ लेकर वह पड़ोसी के घर तक पहुंची। वहां पहुंचने के बाद उसकी जान बची।