वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद धरमपुरी श्रीनिवास का लंबी बीमारी के बाद 76 साल की उम्र में शनिवार तड़के यहां निधन हो गया।
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि श्रीनिवास ने सुबह तीन बजे अपने आवास पर अंतिम सांस ली। मस्तिष्काघात के बाद पिछले कुछ वर्षों से उनका स्वास्थ्य अच्छा नहीं था।
पूर्व सांसद अविभाजित आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी के मंत्रिमंडल में मंत्री और दो बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे थे।
‘डीएस’ के नाम से लोकप्रिय श्रीनिवास के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे हैं। उनके छोटे बेटे धरमपुरी अरविंद निजामाबाद से भाजपा सांसद हैं, जबकि बड़े बेटे धरमपुरी संजय निजामाबाद के मेयर रह चुके हैं।
वर्ष 2014 में तेलंगाना में पहली सरकार बनने के बाद श्रीनिवास तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब भारत राष्ट्र समिति) में चले गये थे। उन्हें सरकार का विशेष सलाहकार बनाया गया था। बाद में 2016 में उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया गया।
हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लगे। कहा गया कि उन्होंने अपने बेटे अरविंद को बढ़ावा दिया जो भाजपा में शामिल हो गए। तब से, श्रीनिवास सक्रिय राजनीति से दूर रहे।
वह 26 मार्च 2023 को अपने बेटे संजय के साथ व्हीलचेयर पर कांग्रेस कार्यालय पहुंचे और तत्कालीन तेलंगाना कांग्रेस प्रभारी माणिकराव ठाकरे और राज्य कांग्रेस प्रमुख ए. रेवंत रेड्डी की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए।
हालांकि अगले ही दिन श्रीनिवास की ओर से एक बयान जारी किया गया जिसमें उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने से इनकार किया। यह दावा किया गया कि वह केवल अपने बेटे के साथ कांग्रेस कार्यालय गए थे।
श्रीनिवास 1989 में कांग्रेस में शामिल हुए थे और उसी साल निजामाबाद शहरी निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुने गए और मंत्री बने। वे 1999 और 2004 में फिर से विधायक चुने गए।
श्रीनिवास 2013 से 2015 के बीच विधान परिषद के सदस्य भी रहे।