भारत ने गैर-ओलंपिक कंपाउंड तीरंदाजी में अपना दबदबा बनाते हुए शनिवार को यहां शंघाई में चल रहे विश्व कप के पहले चरण में टीम स्पर्धाओं में क्लीन स्वीप करते हुए स्वर्ण पदकों की हैट्रिक लगायी।
सत्र के इस पहले वैश्विक टूर्नामेंट में भारत की महिला कंपाउंड टीम ने इटली को 236.225 से हराया । ज्योति सुरेखा वेन्नम, अदिति स्वामी और परनीत कौर की भारतीय तिकड़ी ने 24 तीरों में सिर्फ चार अंक गंवाये और छठी वरीयता प्राप्त इटली को बड़े अंतर से हराकर स्वर्ण पदक से खाता खोला।
पुरूष टीम में अभिषेक वर्मा, प्रियांश और प्रथमेश एफ ने नीदरलैंड को 238.231 से मात दी। नीदरलैंड की टीम में माइक शोलेसर, सिल पीटर और स्टेफ विलेम्स थे ।
इसके बाद भारत की मिश्रित टीम ने कंपाउंड वर्ग में तीसरा स्वर्ण पदक जीतकर क्लीन स्वीप किया। दूसरी वरीयता प्राप्त ज्योति और अभिषेक की जोड़ी ने एस्तोनिया की लिसेल जात्मा और रोबिन जात्मा की मिश्रित जोड़ी को रोमांचक मुकाबले में 158-157 से मात दी।
मौजूदा एशियाई खेलों की चैम्पियन ज्योति के लिए यह दोहरा स्वर्ण पदक था। वह व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक की दौड़ में है और दिन के अंत में अपना सेमीफाइनल खेलेगी।
प्रियांश भी कंपाउंड वर्ग में व्यक्तिगत पदक की दौड़ में हैं।
रिकर्व वर्ग में पदक राउंड रविवार को होंगे और भारत की निगाहें ओलंपिक वर्ग में दो स्वर्ण पदक जीतने पर लगी होंगी।
भारतीय पुरुष टीम स्वर्ण पदक मुकाबले में ओलंपिक चैम्पियन दक्षिण कोरिया से भिड़ेगी।
दीपिका कुमारी व्यक्तिगत पदक की दौड़ में हैं और महिला रिकर्व वर्ग में दक्षिण कोरियाई प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अपना सेमीफाइनल खेलेंगी।
शीर्ष वरीयता प्राप्त महिला कंपाउंड टीम ने दिन के पहले मैच में 24 तीरों से केवल चार अंक गंवाए और छठी वरीयता प्राप्त इटली को हरा दिया।
छह छह तीरों के पहले सेट में भारतीय टीम ने सिर्फ दो बार परफेक्ट 10 नहीं बनाया और मार्सेला तोनिओली, इरेने फ्रांचिनी और एलिसा रोनेर की इतालवी टीम पर 178 . 171 से बढत बना ली ।
चौथी वरीयता प्राप्त पुरूष टीम ने 60 स्कोर करके परफेक्ट शुरूआत की और अगले दो सेट में दो ही अंक गंवाये । इसके बाद फाइनल सेट में परफेक्ट 60 स्कोर करके जीत दर्ज की ।
कंपाउंड मिश्रित टीम स्पर्धा में ज्योति और अभिषेक ने 40 के स्कोर से परफेक्ट शुरूआत कर तीन अंक की बढ़त बनायी। भारतीय जोड़ी 119-117 की बढ़त बनाये थी और उसे अंत में 40 में से 39 अंक की जरूरत थी और उन्होंने ऐसा करके देश को तीसरा स्वर्ण पदक दिलाया।