बाराबंकी में फर्जी तरीके से एआरटीओ कार्यालय में एंबुलेंस के पंजीकरण मामले की सुनवाई बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई। इसमें मुख्तार के चेहरे पर कानून का डर भी नजर आया। मुख्तार ने अपने वकील के जारिए कोर्ट में एक अर्जी दी है कि उसे माफिया, बाहुबली व डॉन कहकर न बुलाया जाए। मुख्तार ने अपने वकील के माध्यम से न्यायाधीश से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आधा घंटा वकील से बात करने की अर्जी भी दी है। 10 मई को होने वाली पेशी में इस पर निर्णय होगा।
बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है। बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय में फर्जी तरीके से एंबुलेंस का पंजीकरण कराए जाने के मामले में नगर कोतवाली में मुख्तार अंसारी समेत उसके 13 सहयोगियों पर मुकदमा दर्ज है। तत्कालीन एआरटीओ प्रशासन ने 24 मार्च 2022 को यह मुकदमा नगर कोतवाली में दर्ज कराया था। इसकी विवेचना मौजूदा कोतवाल देवा पंकज कुमार सिंह कर रहे थे। उन्होंने जनवरी 2023 में कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था।
25 अप्रैल को हुई पेशी में आरोपी मुख्तार ने अपने बचाव के संबंध में बातचीत करने के लिए वकील से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात करने के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई थी। बुधवार को बांदा जेल में बंद मुख्तार की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी कराई गई। इसमें मुख्तार के चेहरे पर कानून का भय साफ दिखाई दे रहा था। इसके साथ उनके वकील ने मुख्तार के खिलाफ मीडिया द्वारा प्रयोग किए जा रहे माफिया आदि शब्दों पर रोक लगाने की भी अर्जी दी गई थी। इन दोनों मुद्दों पर दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं द्वारा बातचीत के बाद कोर्ट ने 10 मई को पेशी की तारीख मुकर्रर कर निर्णय दिए जाने का फैसला लिया है।
मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि इस समय मुख्तार अंसारी के मामले में मीडिया ट्रायल चल रहा है। ऐसे में मीडिया द्वारा उनके मुवक्किल मुख्तार अंसारी के खिलाफ माफिया आदि का प्रयोग किया जाना अनुचित है। जिसकी अर्जी दी गई है। इसके साथ ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्तार और उनके अधिवक्ता के बीच बातचीत करने के लिए भी प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया गया है।