डीजीपी ऑफिस में डुप्लीकेट संतोष कुमार टंडन से शिकायत करने से लेकर बैंक में खाता खुलवाने और रजिस्ट्री ऑफिस में एग्रीमेंट करने तक रसूखदारों ने जमकर धोखाधड़ी की, लेकिन जब कानूनी शिकंजा उन पर कसने की तैयारी शुरू हुई तो वह अपनी गर्दन बचाने में जुट गए हैं। इसको लेकर सिफारिश और पैरवी का दौर शुरू हो गया है। अफसरों के ऑफिसो के चक्कर काटे जा रहे हैं।

इज्जतनगर इलाके में सात करोड़ की जमीन को लेकर धोखेबाजों ने फूल प्रूफ प्लानिंग तैयार की। उन्होंने एक युवक को संतोष कुमार टंडन बनाया। इसके बाद बिहारीपुर खत्रियान से संतोष कुमार टंडन के नाम का आधार कार्ड, पैन कार्ड बनाया। इस पते और आधार कार्ड के जरिए मोबाइल का सिम लिया गया। इसके बाद बैंक ऑफ़ बड़ौदा की श्यामगंज शाखा से उसका खाता खुलवाया गया। उसके खाते में रुपए ट्रांसफर करने के बाद जमीन का एग्रीमेंट कराया गया और बाद में उस व्यक्ति को बुलाकर जमीन का एग्रीमेंट कैंसिल करवाया गया।
पीलीभीत के रहने वाले हनुमान राइस मिल के मालिक अर्पित अग्रवाल उनके पार्टनर नितेंद्र कुमार मिश्रा व अन्य लोग डुप्लीकेट संतोष कुमार टंडन को लेकर घूमते रहे। उसको ले जाकर उन्होंने लखनऊ में डीजीपी ऑफिस शिकायत कराई। उस शिकायत की जांच एमपी सिटी मानुष पारीक कर रहे हैं। इसके बाद डुप्लीकेट संतोष कुमार टंडन से बैंक में खाता खुलवाया। डुप्लीकेट से पहले जमीन का एग्रीमेंट करवाया बाद में एग्रीमेंट को कैंसिल करवाया। पुलिस अब डुप्लीकेट संतोष कुमार टंडन की तलाश में जुट गई है। संतोष कुमार टंडन के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगाया गया है। इसके अलावा संतोष कुमार टंडन के संभावित स्थानों पर दबिश दी गई है। संतोष कुमार टंडन के गिरफ्तार होते ही धोखाधड़ी करने वाली फ्रॉड कंपनी का पर्दाफाश हो जाएगा।
दो दिन पहले मृतक की बेटी इज्जतनगर की रहने वाली प्रियंका टंडन ने इसकी शिकायत एसएसपी से की थी। एसएसपी अनुराग आर्य ने मामले की जांच एसपी सिटी को दी है। अब एसपी सिटी दोनो प्रकरण में दो जांच कर रहे हैं। अभी तक की जांच में स्पष्ट हुआ है कि बिहारीपुर के रहने वाले संतोष कुमार टंडन की मौत हो चुकी है। वह यहां से अपनी प्रॉपर्टी बेचकर कानपुर चले गए थे और कानपुर में उनकी मौत के बाद नगर निगम कानपुर ने उनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी किया है। अब दूसरा संतोष कुमार टंडन बिहारीपुर में कहां से आ गया। इसको लेकर पुलिस की छानबीन चल रही है।

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