हाई कोर्ट द्वारा कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ याचिका खारिज करने के कुछ दिन बाद अब यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में चला गया है। बीजेपी विधायक बसन गौड़ा पाटिल यतनाल ने सुप्रीम कोर्ट पहुंचकर संदेश दिया है कि वह कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। यत्नाल ने अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले में डीके शिवकुमार के खिलाफ सीबीआई केस वापस लेने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए हाई कोर्ट में अर्जी दायर की थी। 29 अगस्त को हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी।

कर्नाटक हाई कोर्ट ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की उस याचिका को सुनवाई योग्य करार नहीं दिया जिसमें उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले की जांच के लिए दी गई सहमति वापस लेने संबंधी कांग्रेस सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी। न्यायमूर्ति के सोमशेखर और न्यायमूर्ति उमेश एम अडिगा की खंडपीठ ने राज्य सरकार के 26 दिसंबर, 2023 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज भी कर दिया, जिसमें 74.93 करोड़ रुपये के डीए मामले को जांच के लिए लोकायुक्त को भेजने का आदेश दिया गया था।

हाई कोर्ट ने 67 पृष्ठ के फैसले में कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दों पर उच्चतम न्यायालय को विचार करना चाहिए। पीठ ने इस मामले पर अपना फैसला 12 अगस्त को सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई ने पहले आरोप लगाया था कि शिवकुमार ने 2013 और 2018 के बीच आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की। इस अवधि के दौरान वह पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मंत्री थे। पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने शिवकुमार पर मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई को मंजूरी दी थी, जिसके बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी और आय से अधिक संपत्ति के आरोपों के सिलसिले में जांच शुरू की गई थी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली राज्य की वर्तमान कैबिनेट ने 23 नवंबर को कहा था कि शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच के लिए सीबीआई को सहमति देने का पूर्ववर्ती भाजपा सरकार का कदम कानून के अनुरूप नहीं था और उसने मंजूरी वापस लेने का फैसला किया।

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