रायबरेली: नगर निकाय चुनाव 23-24 की अधिसूचना जारी होने के बाद रायबरेली में चुनाव का बिगुल बज गया है। इसके साथ ही सपा, कांग्रेस, बीजेपी ने अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। आपसी मतभेद व गुटबाजी के चक्कर में सपा को उस समय बड़ा झटका लगा जब टिकट घोषणा के बाद पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मोहम्मद इलियास व सपा उपाध्यक्ष ने पार्टी का दामन छोड़ कर सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस का दामन का दामन छोड़ कर लिया।
पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष ने सपा की नीतियों पर कई सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस बार सपा ने रायबरेली से अपना प्रत्याशी किसी के घर का झाड़ू पोछा करने वाले को बनाया है। इससे पूर्व उन्होंने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ जिला कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर कांग्रेस का दामन थाम लिया।
कांग्रेस जिला अध्यक्ष सहित कार्यकर्ताओं ने मोहम्मद इलियास का जोरदार स्वागत किया और कहा कि इससे कांग्रेस को मजबूती मिली है। इसके साथ ही उन्होंने यह दावा किया कि इस बार नगर पालिका अध्यक्ष कांग्रेस का बनेगा और सपा तीसरे नम्बर पर पहुंच उसकी जमानत जप्त होगी। आपको बता दें कि रायबरेली जनपद में नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव का बिगुल बज चुका है सत्ताधारी पार्टी के नेता हो या अन्य सभी निर्दलीय अपनी रणनीति बनाते हुए इस चुनाव में जीत का परचम लहराना चाहते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली में पिछले चुनाव में 4 सीटों पर सपा ने अपना कब्जा जमाया। सपा इस बार भी नगर निकाय चुनाव में रायबरेली से अपना परचम लहराना चाहती है, लेकिन जनपद में बीते दिनों अखिलेश के आगमन के बाद साफ तौर पर सपाइयों के बीच आपसी मतभेद देखने को मिला। जिसमें शहर के अलग-अलग हिस्सों में लगी अलग-अलग होल्डिंग सपा नेताओं की एकजुटता की पोल खोलती नजर आई। रायबरेली शहर नगरपालिका की सीट एससी होने के चलते सपा के इस आपसी घमासान में अपने अपने पाले में टिकट की दावेदारी ठोक रहे दिग्गज नेताओं की आपसी मतभेद उस समय खुलासा हुआ जब ऊंचाहार विधायक मनोज पांडे के भाई रिंकू पांडे चुनावी मैदान में तैयारी के बाद सपा ने आखिरकार मनोज पांडे के पाले में टिकट की घोषणा करते हुए पारसनाथ नामक युवक को टिकट दे दिया।
जनपद के राना बेनी माधव अस्पताल में तैनात डॉ बीरबल की पत्नी शालिनी कनौजिया बीजेपी से उम्मीदवार बनकर शहर क्षेत्र के नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी के लिए अपना भाग्य आजमाने उतरी हैं। वही सत्रोहन सोनकर भी लंबे समय से कांग्रेस पदाधिकारी के रूप में अपना समय देकर जनता के बीच नजर आते हैं। वही मनोज पांडे ने इस चुनाव से पूर्व अध्यक्ष पद की कुर्सी के लिए अपने भाई रिंकू पांडे की तैयारी के लिए मैदान में उतारा था लेकिन एससी सीट आने के चलते उन्होंने अपने यहां काम कर रहे पारसनाथ को टिकट दिलवा कर उसे मैदान में उतारा है। इसके साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पूर्व में चुनाव लड़ चुकी पूनम किन्नर ने भी पिछली बार सब के पसीने छुड़ा दिए थे जबकि इस बार आम आदमी पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है।