प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी अवैध खनन और धन शोधन मामले में झारखंड और राजस्थान में 10 से अधिक स्थानों पर छापे मारे रहे हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों ने झारखंड में कथित अवैध खनन में धन शोधन की जांच के तहत राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार, साहिबगंज जिले के अधिकारियों और एक पूर्व विधायक के परिसरों पर बुधवार को छापेमारी की। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि राज्य की राजधानी रांची और राजस्थान के एक परिसर सहित झारखंड में लगभग एक दर्जन स्थानों पर धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत केंद्रीय एजेंसी छापेमारी कर रही है।

सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी के अधिकारी सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू, साहिबगंज जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (एसपी), पूर्व विधायक पप्पू यादव, जेल विभाग के कुछ अधिकारियों और एक पुलिस कांस्टेबल के परिसरों की तलाशी ले रहे है।

छापेमारी की कार्रवाई के दौरान ईडी अधिकारियों के साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों का एक सशस्त्र दल भी साथ में है।

ईडी 2022 से राज्य में कथित अवैध खनन से अर्जित ‘‘आपराधिक आमदनी’’ के 100 करोड़ रुपये के स्रोत की जांच कर रही है।

धन शोधन की जांच तब शुरू हुई जब ईडी ने जुलाई, 2022 में राज्य में अवैध खनन के मामले में सोरेन के राजनीतिक सहयोगी पंकज मिश्रा और उनके कथित सहयोगियों के परिसरों पर छापा मारा और टोल प्लाजा निविदाओं के संचालन में कथित अनियमितताओं की जांच के तहत झारखंड के साहिबगंज, बरहेट, राजमहल, मिर्जा चौकी और बरहरवा में 19 स्थानों पर छापेमारी की।

ईडी ने कहा था कि जांच के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्य में विभिन्न व्यक्तियों के बयान, डिजिटल सबूत और दस्तावेज शामिल हैं। इन सबूतों से पता चला कि आरोपियों से जब्त की गई धनराशि वन क्षेत्र सहित साहिबगंज क्षेत्र में बड़े पैमाने पर किए जा रहे अवैध खनन से प्राप्त की गई थी।

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